खतरनाक स्तर के करीब दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता, एक्यूआई 342

New Delhi : दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। राजधानी में बुधवार शाम हवा की गुणवत्ता सूचकांक 342 रही, जो बेहद खराब श्रेणी में आती है। तापमान में गिरावट और हवा की धीमी गति के कारण यह स्थिति पैदा हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दक्षिण दिल्ली के नेहरू नगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां 436 का सूचकांक दर्ज किया गया। मुंडका में 391, बवाना में 401, जहांगीरपुरी में 405, वजीरपुर में 402, रोहिणी में 418 और डीटीयू में 383 दर्ज किया गया। आनंद विहार में 402 और पंजाबी बाग में 381 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में आते हैं।

दिल्ली एनसीआर के अलग-अलग शहर भी प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित रहे। गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में 324, हापुड़ में 363 और चरखी दादरी में 303 का वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज हुआ। सभी शहरों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है।

03 दिसंबर की शाम से 06 दिसंबर तक मौसम ठंडा और आंशिक रूप से बादल छाए रहने का अनुमान है। पहले दिन हल्की धुंध रहेगी। अधिकतम तापमान 23 से 25 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 05 से 07 डिग्री के आसपास रहेगा। हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी।

गुरुवार 04 दिसंबर को दिन मुख्यतः साफ रहेगा, सुबह हल्का कोहरा और कुछ स्थानों पर शीत लहर का असर रहेगा। अधिकतम तापमान 22 से 24 और न्यूनतम 05 से 07 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। पांच दिसंबर को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, अधिकतम तापमान 22 से 24 और न्यूनतम 04 से 06 डिग्री के आसपास रहेगा। हवा दिन और रात में 10 से 15 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चलेगी। 06 दिसंबर को आंशिक बादल और सुबह हल्का कोहरा रहेगा। अधिकतम तापमान 23 से 25 और न्यूनतम 07 से 09 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। दिन में हवा 15 किमी और शाम व रात में 10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी।

सीपीसीबी के मानदंडों के अनुसार, एक्यूआई 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कुल वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 20.45 फीसदी है। पराली जलाने से 1.97 फीसदी, निर्माण एवं ध्वंस गतिविधियों से 3.10 फीसदी और आवासीय क्षेत्रों से 5.30 फीसदी तक का योगदान होता है।

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