
नई दिल्ली : 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के तुरंत बाद Air India AI-171 बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान भीषण दुर्घटना का शिकार हो गया। इस हादसे में 241 यात्री और 33 ज़मीन पर मौजूद लोग मारे गए। यह देश की सबसे भयावह विमान दुर्घटनाओं में से एक बन गई है।
ब्लैक बॉक्स डेटा अमेरिका भेजा जाएगा
Air India के इस विमान का ब्लैक बॉक्स (FDR + CVR) हादसे में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। भारतीय एजेंसियां इसमें से डेटा निकाल पाने में असमर्थ हैं। इसलिए इसे अब अमेरिका के NTSB (National Transportation Safety Board) की वाशिंगटन लैब में भेजा जाएगा। वहां से डेटा निकालकर उसे भारत की Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) को सौंपा जाएगा।
जांच में शामिल होंगी विदेशी एजेंसियां, क्यों?
हालांकि हादसा भारत में हुआ, फिर भी इसमें अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई विदेशी एजेंसियां शामिल हैं। ऐसा 1944 के शिकागो कन्वेंशन के एनेक्स-13 के तहत किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत:
- दुर्घटना की प्राथमिक जांच उस देश की होती है जहाँ हादसा हुआ।
- लेकिन जिन देशों का विमान की डिज़ाइन, निर्माण या रजिस्ट्रेशन से संबंध हो, वे भी जांच में शामिल हो सकते हैं।
AI-171:
- भारत में रजिस्टर्ड (VT-सीरिज)
- एयर इंडिया का स्वामित्व
- लेकिन डिज़ाइन और निर्माण अमेरिकी कंपनी बोइंग ने किया है
- इंजन – General Electric (GE), अमेरिका
साथ ही, हादसे में 53 ब्रिटिश नागरिकों की मौत के चलते UK की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी इस जांच में सहयोग कर रही है।

ब्लैक बॉक्स में क्या होता है?
ब्लैक बॉक्स दो भागों से मिलकर बना होता है:
- FDR (Flight Data Recorder) – विमान की ऊंचाई, स्पीड, एंगल, थ्रस्ट, इंजन डिटेल्स जैसे सैकड़ों डेटा पॉइंट रिकॉर्ड करता है।
- CVR (Cockpit Voice Recorder) – कॉकपिट में पायलट्स की बातचीत और साउंड्स रिकॉर्ड करता है।

ब्लैक बॉक्स बेहद मज़बूत होता है और इसे हादसे के दौरान सुरक्षित रहने के लिए खास तकनीकों से बनाया जाता है।
लेकिन इस दुर्घटना में ब्लैक बॉक्स जल गया, जिससे उसकी इंटरनल चिप्स को सुरक्षित निकालना अब एक अत्यंत संवेदनशील तकनीकी काम बन गया है।
डेटा रिकवरी में कितना समय लग सकता है?
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालने में 2 दिन से लेकर कई महीने भी लग सकते हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि इंटरनल मेमोरी बोर्ड कितनी क्षतिग्रस्त है।”
किन पहलुओं पर जांच केंद्रित है?
जांचकर्ता विशेष रूप से इन बिंदुओं पर ध्यान दे रहे हैं:
- क्या फ्लैप्स और लैंडिंग गियर हादसे के समय सही स्थिति में थे?
- क्या इंजन फेलियर हुआ?
- कहीं ईंधन में मिलावट तो नहीं थी?
- इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स में खराबी के संकेत?
बोइंग 787 जैसी आधुनिक एयरक्राफ्ट एक इंजन के साथ भी 345 मिनट तक उड़ सकती है। बावजूद इसके, इतनी बड़ी दुर्घटना होना चिंताजनक है।
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