
- श्रद्धालुओं की गणना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैमरा आधारित ‘फुटफॉल काउंटिंग सिस्टम’ से करने की तैयारी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों- श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी), राम मंदिर (अयोध्या) और गोरखनाथ मंदिर (गोरखपुर) पर पर्यटकों के अनुभव को नई तकनीक के साथ जोड़ते हुए नवाचार करने जा रहा है। इन पवित्र धामों पर आने वाले हर श्रद्धालु और पर्यटक की गणना अत्याधुनिक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) कैमरा आधारित ‘फुटफॉल काउंटिंग सिस्टम’ से करने की तैयारी है, जो रियल-टाइम में सटीक डेटा दर्ज करेगा। परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विभाग ने इच्छुक एजेंसियों से ‘एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट’ (ईओआई) आमंत्रित किए हैं।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक प्रणाली से न केवल पर्यटकों की संख्या का सटीक आकलन हो सकेगा, बल्कि इससे यात्रा प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता, बुनियादी सुविधाओं के विकास और पर्यटन नीति निर्धारण को भी अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। इस परियोजना के माध्यम से श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (वाराणसी), गोरखनाथ मंदिर (गोरखपुर) और राम मंदिर (अयोध्या) में एआई कैमरा स्थापित किए जाने का प्रयास है। चयनित एजेंसी को इन स्थलों पर फुटफॉल काउंटिंग सिस्टम की स्थापना, डेटा विश्लेषण और रखरखाव की जिम्मेदारी दी जाएगी।
जयवीर सिंह ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत चयनित एजेंसी संपूर्ण प्रणाली के डिज़ाइन, डेवलपमेंट, इंस्टॉलेशन एवं मेंटेनेंस का कार्य संपादित करेगी। इस अत्याधुनिक पहल में एआई आधारित फेस रिकग्निशन सिस्टम, फुटफॉल काउंटिंग, व्यवहारिक विश्लेषण तथा आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली (इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम) जैसी उन्नत तकनीकों का समावेश होगा। यह स्मार्ट तकनीक प्रत्येक स्थल पर आने वाले पर्यटकों की संख्या, भीड़ के घनत्व और प्रवाह का सटीक विश्लेषण कर प्रभावी प्रबंधन, सुरक्षा निगरानी तथा आपात स्थिति में त्वरित अलर्ट और कार्रवाई को सुनिश्चित करेगी।
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन विभाग का यह कदम उत्तर प्रदेश में स्मार्ट टूरिज्म और डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लेकर आएगा। इसके माध्यम से राज्य सरकार को पर्यटक प्रवाह का सटीक रिकॉर्ड मिलेगा। साथ ही, भीड़ प्रबंधन और सुविधाओं का विस्तार अधिक वैज्ञानिक तरीके से किया जा सकेगा। उन्होंने बताया, एआई तकनीक आधारित यह प्रणाली राज्य के पर्यटन स्थलों पर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के आंकड़ों को अधिक पारदर्शी और डेटा-आधारित बनाएगी।










