
अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक जा रहा एयर इंडिया का विमान-AI171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) हादसे का शिकार हो गया। घटना में एक यात्री को छोड़कर सभी 241 पैसेंजर और क्रू मेंबर की मौत हो गई। इसमें घटना वाले स्थान पर बने हॉस्टल में रह रहे कुछ छात्र भी मारे गए हैं। 13 जून को दोपहर 1 बजे तक 265 शव बरामद हुए हैं। इस विमान दुर्घटना ने देश को झकझोर कर रख दिया है। यह दुनिया के इतिहास में बड़े विमान हादसों के साथ ही सबसे बड़ा बीमा दावा साबित होने जा रहा है। माना जा रहा है कि इसमें एयर इंडिया और यात्रियों को मिलाकर 2000 करोड़ के आसपास का भुगतान होगा।
बता दें एअर इंडिया की बोइंग 787 ड्रीमलाइनर ने गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। इसके 2 मिनट बाद ही यानी 1:40 बजे विमान क्रैश हो गया। इसमें कुल 242 लोग थे जिसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई समेत कुल 230 यात्री और बाकी क्रू मेंबर थे। हादसे में विमान सवार केवल एक व्यक्ति की जान बची है। वहीं हादसे वाले स्थान पर भी कुछ लोगों की मौत हुई है। अब विमान समेत सभी यात्रियों को बीमा इंश्योरेंस कंपनी को क्लेम देना होगा।
सबसे महंगा बीमा दावा
अनुमान है कि यह दुर्घटना भारत के विमानन इतिहास का सबसे महंगा बीमा दावा हो सकता है। जानकारी के अनुसार विमान का बीमा लगभग $80 मिलियन (लगभग 666 करोड़ रुपये) का था। हालांकि, तमाम फैक्टर को देखते हुए दावे की रकम बढ़ाई जा सकती है। वहीं यात्रियों को मिलने वाला मुआवजा और क्लेम करीब 400 करोड़ का हो सकता है। यानी कुल मिलाकर ये आंकड़ो 2 हजार करोड से ऊपर जा सकता है।
कौन-कौन सी कंपनियां शामिल हैं?
इस विमान के बीमा में टाटा ग्रुप की कंपनी Tata AIG अपने अमेरिकी पार्टनर के साथ कंसोर्टियम को लीड कर रही थी। इसमें न्यू इंडिया एश्योरेंस और आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जैसी अन्य भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं।
यात्रियों को मिलने वाली राशि
हादसे के बाद टाटा ग्रुप ने मृतकों के लिए 1-1 करोड़ रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। क्योंकि, एयर इंडिया इसी समूह की कंपनी है। हालांकि यह केवल अंतरिम राहत है। फाइनल क्लेम इंश्योरेंस के नियमों के अनुसार तय होगा। हालांकि, इसमें अन्य देशों के कई फैक्टर भी काम करेंगे। भारतीय यात्रियों को प्राथमिक क्लेम 1.5 करोड़ से ऊपर मिल सकता है।
एयर इंडिया को मिलने वाली राशि
हादसे में शामिल एयरक्राफ्ट (VT-ABN) 2013 मॉडल का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर है। इसका इंश्योरेंस वैल्यू 2021 में लगभग 115 मिलियन डॉलर के आसपास थी। हालांकि, अभी विमान की वैल्यू करीब 211 से 280 मिलियन डॉलर के बीच मानी जा रही है। इसकी कीमत आज के कंफिगरेशन और उम्र पर भी निर्भर होगी। NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, एयर इंडिया प्लेन क्रैश का मुआवजा 211 मिलियन डॉलर से लेकर 280 मिलियन डॉलर के बीच हो सकता है।
किस आधार पर होगी गणना?
यात्रियों के लिए: मुआवजे का कैलकुलेशन Montreal Convention 1999 के अनुसार तय होगा। क्योंकि, इसमें भारत 2009 से शामिल है। इसके अनुसार, एक इंसान के लिए 128,821 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDR) तक मुआवजा हो सकता है। अभी भारत में 1 SDR की कीमत 122 रुपये हैं। यानी आज की तारीख में ये राशि 1.5 करोड़ से ऊपर हो सकती है।
एयर इंडिया के लिए: एयरक्राफ्ट का डिक्लेयर्स वैल्यू इंश्योरेंस कंपनी को बताना होता है और उसी आधार पर नुकसान का आकलन होगा। विमान कंपनियां आमतौर पर एयरक्राफ्ट हुल इंश्योरेंस, स्पेयर पार्ट्स इंश्योरेंस, और लीगल लायबिलिटी के लिए इंश्योरेंस लेती हैं। इस मामले में एयर इंडिया की ओर से लिया गया इंश्योरेंस दोनों हिस्सों में क्लेम ट्रिगर करेगा। यानी विमान की पूरी क्षति और यात्रियों की मौत दोनों कवर में आएंगे।
बीमा प्रीमियम में होगी बढ़ोतरी
इस हादसे के बाद विमानन बीमा सेक्टर में भी कई बदलाव आ सकते हैं। इंश्योरेंस इंडस्ट्री के जानकारों की मानें तो एविएशन इंश्योरेंस सेक्टर के लिए एक बड़ा टर्निंग पॉइंट बनेगा। भारत में एविएशन इंश्योरेंस मार्केट करीब 900 करोड़ के आसपास का है। बड़े नुकसान आमतौर पर रीइंश्योर्ड होते हैं। हालांकि, इसके बाद भी एविएशन इंश्योरेंस प्रीमियम की दरों में इजाफा देखने को मिल सकता है।
एयर इंडिया और बोइंग के टूट रहे शेयर
विमान हादसे के बाद एयर इंडिया के साथ ही टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के शेयर तेजी से टूट रहे हैं। वहीं बोइंग के शेयर में भी भारी गिरावट आई है। बोइंग का शेयर 12 जून को 203.60 डॉलर पर बंद हुआ। ये हादसे से पहले 214.04 डॉलर पर था। वहीं 13 जून को प्री-मार्केट ट्रेडिंग में बोइंग के शेयर 8 फीसदी तक गिर गए हैं। इसके साथ ही भारतीय विमानन कंपनियों के शेयर के साथ ही टाटा ग्रुप की कई कंपनियों के शेयर डाउन हुए हैं।