
Agra Yamuna Water Lavel : आगरा में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के कारण स्थिति चिंता जनक हो गई है। ताजगंज श्मशान घाट के कई चिता स्थल डूब गए हैं। गोकुल बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रशासन ने बाढ़ चौकियों की निगरानी बढ़ा दी है और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
70 हजार क्यूसेक पानी गोकुल बैराज से छोड़ा
अगस्त में यमुना में दूसरी बार जलस्तर में वृद्धि देखी जा रही है। शनिवार दोपहर तीन बजे यमुना का जलस्तर 495 फीट पर पहुंच गया। इसके बाद हर घंटे आधा से एक इंच तक जलस्तर में वृद्धि देखने को मिली। रात 10 बजे यह लगभग 495.5 फीट तक पहुंच गया। शुक्रवार को गोकुल बैराज से 72 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जबकि शनिवार को करीब 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
मनोहपुर में झोपड़ियों तक पहुंच गया पानी
शनिवार को यमुना का जलस्तर एक फीट से अधिक बढ़ गया है। इसमें मंटोला नाला, जीवनी मंडी नाला, हाथीघाट नाला आदि बैक मारने लगे हैं और इनके मुहाने पर कूड़ा जमा हो गया है। रविवार सुबह यमुना का जलस्तर 496 फीट तक पहुंच गया है, और सोमवार को यह 497 फीट के स्तर को छूने की संभावना है।
निगरानी और प्रभावित क्षेत्र
एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (एडीएम) शुभांगी शुक्ला ने बताया कि शहर से देहात तक 28 बाढ़ चौकियों से यमुना के बढ़ते जलस्तर की लगातार निगरानी की जा रही है। बाह के गगनकी, सदर तहसील के नूरपूर, तनौरा आदि क्षेत्रों में जल स्तर पहुंच चुका है।
प्रभावित क्षेत्रों की सूची
- सदर तहसील: तनौरा, नूरपुर, कैलाश, नगला बूढ़ी, स्वामीबाग, अमर विहार, दयालबाग, मोती महल, कटरा वजीर खां।
- एत्मादपुर तहसील: रामबाग के पीछे और आसपास की बस्तियां।
- फतेहाबाद तहसील: भरापुर, ईदौन, भडायना, मेवीकलां, मेवली खुर्द, हिमायूपुर, बमरौली।
- बाह तहसील: गगनकी, पिछौरा, कांकर, बलाई, रीठई, ख्याली की मढ़ैया, मई, कलींजिर, कछपुरा, रामपुर, चंद्रसैनी, पई, होलीपुरा, सिधावली, विक्रमपुर, पारना।
जलस्तर का पूर्व इतिहास
22 अगस्त को यमुना का जलस्तर लगभग 496 फीट तक पहुंच चुका है। इस बार जलस्तर इससे ऊपर जाने की आशंका है। यमुना का मीडियम फ्लड लेवल 499 फीट और हाई फ्लड लेवल 504 फीट है।
एत्माद्दौला का प्लेटफार्म डूबा
शनिवार शाम को यमुना के बढ़े जलस्तर के कारण एत्माद्दौला के यमुना किनारे स्थित प्लेटफार्म पानी में डूब गया। यमुना किनारे बनी कोठरियों की चौखट के नीचे पानी बह रहा है। 22 अगस्त को इन कोठरियों में भी पानी पहुंच चुका है।
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