
हेडिंग्ले के मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भारत को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही युवा कप्तान शुभमन गिल की कप्तानी पर सवाल उठने लगे हैं। यह उनके कप्तानी करियर का पहला टेस्ट था, लेकिन इंग्लैंड के 371 रन के बड़े लक्ष्य को रोकने में नाकामी ने उनकी लीडरशिप को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
आखिरी दिन की रणनीति पर सवाल
मैच के अंतिम दिन इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट और जैक क्रॉली ने जब 188 रन की साझेदारी कर भारत की जीत की उम्मीदें तोड़ दीं, तब कप्तान गिल मैदान पर काफी असहाय और भ्रमित से नजर आए। न फील्डिंग में ठोस बदलाव दिखा और न ही गेंदबाजों के प्रयोग में कोई धार नजर आई।
“असल कप्तान कौन था?” – मुरली कार्तिक का कटाक्ष
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर मुरली कार्तिक ने शुभमन गिल की कप्तानी को लेकर तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा:
“हम हार के लिए कई बहाने गढ़ सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि भारत ने 835 रन बनाए, एक गेंदबाज ने 5 विकेट लिए और फिर भी हम 5 विकेट से हार गए। यह दर्शाता है कि मैदान पर सामंजस्य की कमी थी।”
उन्होंने Cricbuzz पर बातचीत में जोड़ा:
“मैदान पर कभी केएल राहुल निर्देश दे रहे थे, कभी ऋषभ पंत फील्डिंग सेट कर रहे थे, और बीच-बीच में शुभमन गिल भी कुछ-कुछ कर रहे थे। इससे ऐसा लगा कि टीम इंडिया में एक नहीं, कई कप्तान खेल रहे हैं।”
अनुभवहीनता और डिफेंसिव सोच की आलोचना
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि शुभमन गिल की कप्तानी में अनुभव की कमी साफ झलक रही थी। उन्होंने मैच के अहम क्षणों में डिफेंसिव रवैया अपनाया और इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव बनाने में असफल रहे। गेंदबाजों को भी बार-बार बाहर से निर्देश मिलते रहे, जिससे रणनीति में एकरूपता नहीं बन पाई।
दूसरा टेस्ट गिल के लिए अग्निपरीक्षा
अब सभी की निगाहें 2 जुलाई से एजबेस्टन में शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट पर टिकी हैं। यदि भारत को सीरीज में वापसी करनी है, तो शुभमन गिल को न केवल कप्तानी में स्पष्टता लानी होगी, बल्कि मजबूत रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा। उनके लिए यह मैच न सिर्फ सीरीज के लिहाज से, बल्कि उनके लीडरशिप करियर की दिशा तय करने वाला भी साबित हो सकता है।