
नई दिल्ली : केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को एक अहम सलाह जारी करते हुए सभी मीडिया चैनलों, समाचार एजेंसियों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से अपील की है कि वे रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों का लाइव कवरेज या रियल-टाइम रिपोर्टिंग न करें। यह सलाह राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में दी गई है।
यह परामर्श ऐसे समय में आया है जब पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल बना हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए मीडिया को जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिंग करनी चाहिए और कानून व नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना चाहिए।
क्या कहा मंत्रालय ने?
- “कोई भी स्रोत-आधारित सूचना जो रक्षा गतिविधियों से जुड़ी हो, उसका रियल-टाइम में प्रसारण न किया जाए।”
- “ऐसी किसी भी जानकारी का खुलासा जो अभियान के दौरान चल रही हो, सुरक्षा बलों की जान को खतरे में डाल सकता है।”
- “मीडिया को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी रिपोर्टिंग से शत्रुतापूर्ण तत्वों को किसी भी प्रकार की रणनीतिक मदद न मिले।”
क्यों है यह ज़रूरी?
विशेषज्ञों का मानना है कि लाइव कवरेज या गलत समय पर दी गई जानकारी ऑपरेशनल सीक्रेसी को भंग कर सकती है और सुरक्षा बलों की गतिविधियों में बाधा डाल सकती है। इसलिए सरकार द्वारा समय-समय पर ऐसी एडवाइजरी ज़ारी की जाती है।