देश छोड़कर भागे राष्ट्रपति! नेपाल के बाद मेडागास्कर में युवाओं ने किया तख्तापलट, सड़कों पर फूटा GEN-Z का गुस्सा

Madagascar Gen-Z Protest : मेडागास्कर में अब नई राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल रही है, जहां जनरेशन Z (Gen-Z) के युवा नेताओं ने तख्तापलट कर दिया है। देश में राष्ट्रपति एंड्री राजोएलीना के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन तेजी से हिंसक रूप ले चुके हैं। विपक्षी नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रपति अपने पद से भाग चुके हैं।

जानकारी के अनुसार, जब सेना की कई इकाइयों ने सरकार के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया और प्रदर्शनकारियों का साथ दिया, तब राष्ट्रपति ने राजधानी एंटानानारिवो छोड़ दी। विपक्षी नेता सीतेनी रांद्रिआनासोलोनियाइको ने रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय के कर्मचारियों से बात की है और पुष्टि की है कि राष्ट्रपति देश छोड़ चुके हैं। फिलहाल उनके स्थान का पता नहीं चल पाया है। राष्ट्रपति को सोमवार शाम 7 बजे राष्ट्र को संबोधित करने का निर्देश था, लेकिन इसके कोई आधिकारिक संकेत नहीं मिले हैं।

राष्ट्रपति का रिएक्शन

बाद में, राष्ट्रपति राजोएलीना ने एक लाइव संबोधन में कहा कि वे एक सुरक्षित स्थान पर शरण लिए हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ जानलेवा हमले और तख्तापलट की साजिश रची गई थी। उन्होंने कहा, “25 सितंबर से मुझ पर हमला किया जा रहा था और तख्तापलट की कोशिशें हो रही थीं। सेना के कुछ अधिकारी और राजनेता मेरी हत्या की योजना बना रहे थे। अपनी जान बचाने के लिए मुझे सुरक्षित जगह पर जाना पड़ा।”

प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं?

प्रदर्शन की शुरुआत 25 सितंबर को देश में पानी और बिजली की गंभीर कमी को लेकर हुई थी। लेकिन कुछ ही दिनों में यह आंदोलन व्यापक रूप से फैल गया और भ्रष्टाचार, खराब शासन व्यवस्था और बुनियादी सेवाओं की कमी जैसे मुद्दों के खिलाफ नाराजगी का रूप ले लिया। ये आंदोलन मुख्य रूप से युवाओं द्वारा संचालित हैं, जो बदलाव की मांग कर रहे हैं। हाल के दिनों में, इसी तरह के युवा आंदोलनों ने नेपाल और मोरक्को जैसे देशों में भी सरकारों को हिलाकर रख दिया है। नेपाल में तो कुछ हफ्ते पहले प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना पड़ा था।

सत्ता पर कैसे हुई पकड़ कमजोर?

राष्ट्रपति राजोएलीना की सत्ता का आधार तब कमजोर पड़ने लगा जब CAPSAT नामक एक विशेष सैन्य इकाई, जिसने 2009 में उन्हें सत्ता में आने में मदद की थी, ने प्रदर्शनकारियों का समर्थन करने का ऐलान किया। इस इकाई ने प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने से इनकार कर दिया और राजधानी एंटानानारिवो के मुख्य चौक पर हजारों प्रदर्शनकारियों के साथ पहुंची। इसके बाद CAPSAT ने सेना की कमान अपने हाथ में ले ली और एक नए सेना प्रमुख की नियुक्ति कर दी।

साथ ही, अर्धसैनिक बल का एक धड़ा भी प्रदर्शनकारियों के पक्ष में आ गया और उसने औपचारिक रूप से जेंडरमेरी (पैरामिलिट्री) के नियंत्रण का दावा किया। इस घटनाक्रम में सरकारी अधिकारियों के भी शामिल होने की खबर है। राष्ट्रपति ने रविवार को चेतावनी दी थी कि यह देश में सत्ता पर कब्जा करने की एक कोशिश है, लेकिन तब तक सेना और सुरक्षा बलों का बड़ा हिस्सा उनके खिलाफ हो चुका था।

सीनेट की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों का गुस्सा जिन सदस्यों के खिलाफ था, उनके बीच सीनेट अध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है। वर्तमान में, देश के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में देश की बागडोर सीनेट अध्यक्ष के पास होती है, जो चुनाव तक कार्यवाहक राष्ट्रपति का कार्यभार संभालेंगे।

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