
अमृतसर (पंजाब) : अमृतसर में रावी नदी में आई बाढ़ के बाद पानी धीरे-धीरे उतर रहा है, लेकिन बाढ़ के चलते मारे गए सैकड़ों पशुओं की वजह से कई तरह की बीमारियां फैलने लगी हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर लोगों का स्वास्थ्य जांच रही हैं। वहीं, इलाके में सुअरों के कारण भी खतरा बना हुआ है, क्योंकि रिकन स्वाइन फीवर फैल रहा है। इस वजह से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सुअर और उनका मांस लाने-ले जाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है।
वायरस लाइलाज है, लेकिन मानव जीवन के लिए खतरा नहीं
पशु चिकित्सक डॉ. रविंदर सिंह कंग ने बताया कि यह बीमारी केवल सुअरों को प्रभावित करती है और मनुष्यों के लिए कोई खतरा नहीं है। यह वायरस मुख्य रूप से अजनाला क्षेत्र के धारीवाल कलैर गांव में फैल रहा है। डॉ. कंग के अनुसार, यदि यह वायरस एक बार फार्म में फैल जाए तो पूरे क्षेत्र में तेजी से फैल सकता है। इसलिए प्रभावित सुअरों को मारकर दफनाना और फार्म को सेनीटाइज करना आवश्यक है। इसके अलावा प्रभावित इलाकों में सुअरों की खरीद-फरोख्त पर भी तत्काल रोक लगा दी गई है।
फार्म में 210 सुअरों की मौत
वायरस के फैलने के कारण स्थानीय एक फार्म में लगभग 210 सुअरों को मारना पड़ा, जिससे फार्म मालिक को लाखों रुपये का नुकसान हुआ। फार्म मालिक ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि अगर समय पर रिपोर्ट दी जाती तो इस नुकसान से बचा जा सकता था।










