
नगर मजिस्ट्रेट ने नहीं लिया आयोजकों का प्रार्थना पत्र
प्रबंधक ने डाक से पत्र भेजकर मांगी यात्रा की अनुमति
रथ यात्रा ना निकली तो होंगी भक्तों की भावनाएं आहत : शंखधार
अनुमति मिली तो 23 जून को निकलेगी श्री जगन्नाथ रथ यात्रा
पीलीभीत । वैश्विक महामारी कोरोना संकट के चलते इस साल हमेशा की तरह भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी जी की विशाल रथ यात्रा निकाले जाने को लेकर संशय की स्थिति है। इस रथयात्रा के आयोजकों के अनुमति के लिए दिए गए प्रार्थना पत्र को नगर मजिस्ट्रेट में लेने से इनकार कर दिया। तब आयोजकों ने रजिस्टर्ड डाक से जिलाधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर रथ यात्रा निकालने की अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि रथ यात्रा नहीं निकली तो भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी के भक्तों की भावनाएं आहत होंगी।मंदिर महाप्रभु श्री जगन्नाथ धाम के प्रबंधक आचार्य पंडित हरीश चंद्र शंखधार की ओर से लिखित प्रार्थना पत्र लेकर भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी की विशाल रथ यात्रा के लिए अनुमति मांगने आचार्य पंडित विष्णु शंखधार नगर मजिस्ट्रेट अरुण कुमार सिंह के पास गए और उनको बताया कि पीलीभीत नगर में कई दशकों से भगवान स्वामी श्री जगन्नाथ जी की विशाल रथ यात्रा हर वर्ष धूमधाम से निकाली जाती है। इस यात्रा से शहर के हजारों भक्तों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। सरकार धर्म स्थलों को श्रद्धालुओं के लिए खोल ही चुकी है, ऐसे में श्री जगन्नाथ स्वामी रथ यात्रा की पीएसी व पुलिस बल की व्यवस्था के साथ अनुमति प्रदान की जाए।

नगर मजिस्ट्रेट ने आचार्य पंडित विष्णु शंखधार का प्रार्थना पत्र ही लेने से इनकार कर दिया। श्री शंखधार ने कि नगर मजिस्ट्रेट ने प्रार्थना पत्र ना लेने की उनको कोई वाजिब वजह भी नहीं बताई। जबकि कोतवाली के अभिलेखों में भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी की विशाल रथयात्रा प्रत्येक वर्ष नगर में निकाले जाने का उल्लेख है। मंदिर महाप्रभु श्री जगन्नाथ धाम के प्रबंधक आचार्य पंडित हरीश चंद्र शंखधार ने रजिस्टर्ड डाक से अनुमति के लिए प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी, नगर मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक, मुख्यमंत्री को भेजा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी की विशाल रथ यात्रा 23 जून को निकाले जाने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन की अनुमति की प्रतीक्षा की जा रही है। अभी तक अनुमति न मिलने से रथ यात्रा की तैयारियों को गति प्रदान नहीं की जा पा रही है।










