
मुंबई: राजस्थान के उभरते अभिनेता श्री बिश्नोई इन दिनों बॉलीवुड में अपनी नई पहचान बना रहे हैं। मशहूर निर्देशक श्रीराम राघवन की आगामी फिल्म “इक्कीस” (IKKIS) में श्री ने एक अहम किरदार निभाया है, जो दर्शकों को 1971 के भारत-पाक युद्ध की वीरगाथा से जोड़ देगा। मैडॉक फिल्म्स के बैनर तले बनी यह फिल्म 25 दिसंबर 2025 को विश्वभर में रिलीज़ होगी।
यह फिल्म केवल एक युद्ध कथा नहीं, बल्कि साहस, दोस्ती और बलिदान की सजीव कहानी है। फिल्म में श्री बिश्नोई ने सवार पराग सिंह का किरदार निभाया है — जो एक असली जीवन के नायक थे और भारत के सबसे कम उम्र के परमवीर चक्र विजेता सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल के साथ 1971 के युद्ध में वीरतापूर्वक लड़े थे।
थिएटर से अभिनय की शुरुआत करने वाले श्री बिश्नोई ने पर्दे के पीछे भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने सुनील शेट्टी के प्रोडक्शन हाउस में एसोसिएट कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में की थी। इस अनुभव ने उन्हें कैमरे के दोनों ओर की समझ दी — कि कहानी कैसे गढ़ी जाती है और एक सशक्त किरदार कैसे जिया जाता है।
अपने अनुभव को याद करते हुए श्री बिश्नोई मुस्कुराते हुए कहते हैं,
“मेरी पहली शूटिंग 15 अक्टूबर को हुई, और वह दिन मेरा जन्मदिन भी था। श्रीराम सर ने मुझसे कहा कि चलो, कैमरा रिहर्सल करते हैं। मैंने सीन किया और उन्होंने बस इतना कहा — ‘बिश्नोई, गुड।’ वह शब्द मेरे लिए किसी बड़े पुरस्कार से कम नहीं थे। ऐसा लगा जैसे सपना साकार हो गया हो।”
वह आगे कहते हैं,
“पोस्टर रिलीज़ उससे एक दिन पहले हुआ था, और मुझे लगा जैसे ब्रह्मांड ने मुझे जन्मदिन का सबसे सुंदर तोहफा दिया हो।”
श्रीराम राघवन के निर्देशन की तारीफ करते हुए श्री बिश्नोई बताते हैं,
“वो बेहद शांत और गहन सोच वाले निर्देशक हैं। उनकी चुप्पी में भी गहराई है। हर सीन में वह अभिनेता को अपनी सच्चाई से जुड़ने की प्रेरणा देते हैं।”

फिल्म के अन्य कलाकारों के साथ काम करने के अनुभव पर उन्होंने कहा,
“अगस्त्य नंदा बहुत अनुशासित हैं, सिमर भाटिया हर सीन में सच्चाई लाती हैं, और धर्मेंद्र देओल तथा जायदीप अहलावत जैसे अनुभवी कलाकारों के साथ काम करना किसी वरदान जैसा अनुभव था।”
“इक्कीस” न केवल युद्ध के मैदान की कहानी है, बल्कि यह उन भावनाओं की गाथा भी है जिन्हें एक सैनिक अपने भीतर संजोए रखता है — कर्तव्य, दोस्ती, त्याग और देशभक्ति।
श्री बिश्नोई कहते हैं,
“सवार पराग सिंह का किरदार निभाना मेरे जीवन का सबसे भावनात्मक अनुभव रहा।”
मैडॉक फिल्म्स द्वारा निर्मित यह फिल्म तकनीकी और भावनात्मक, दोनों स्तरों पर उत्कृष्ट मानी जा रही है। युद्ध के दृश्य बेहद यथार्थपूर्ण हैं और श्रीराम राघवन का निर्देशन हर फ्रेम को जीवंत बना देता है।
जैसे-जैसे 25 दिसंबर की रिलीज़ डेट नज़दीक आ रही है, श्री बिश्नोई इस सफर को कृतज्ञता के साथ याद करते हैं:
“यह फिल्म मेरे लिए सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक भावना है। श्रीराम सर, मैडॉक फिल्म्स और मेरे सभी सह-कलाकारों ने मुझे जिस तरह समर्थन दिया, उसके लिए मैं दिल से आभारी हूँ।”
श्री बिश्नोई उन कलाकारों की नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं जो शोर नहीं करते, बल्कि अपने काम से असर छोड़ते हैं। उनका अभिनय सादगी, गहराई और ईमानदारी से भरा है।
“इक्कीस” के साथ दर्शक न केवल एक सैनिक की अमर कहानी देखेंगे, बल्कि एक ऐसे अभिनेता को भी पहचानेंगे जो अपनी मेहनत, समर्पण और जुनून से हिंदी सिनेमा में नया अध्याय लिखने जा रहा है।
“इक्कीस” सिर्फ एक फिल्म नहीं — यह इतिहास, भावना और देशभक्ति का संगम है, और उसके केंद्र में हैं अभिनेता श्री बिश्नोई।













