
Bihar Election 2025 : बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस दौरान चुनाव आयोग ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए 17 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
निर्वाचन आयोग का कहना है कि ये दल 2019 से किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण उनके चुनावी सक्रियता पर सवाल खड़ा हो रहा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इन दलों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत मिले लाभों का ही उपयोग किया जा रहा है, लेकिन चुनावी गतिविधियों में उनकी भागीदारी कम है।
निर्वाचन आयोग ने इन 17 राजनीतिक दलों से 10 दिनों के भीतर अपने जवाब देने को कहा है। आयोग का कहना है कि इन दलों को उनके चुनावी प्रदर्शन, गतिविधियों और चुनाव संबंधित कार्यों की स्थिति पर स्पष्टीकरण देना जरूरी है।
आयोग का मानना है कि यदि इन दलों की गतिविधियों में सुधार नहीं होता है, तो उनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। यह कदम विशेष रूप से बिहार जैसे राज्य में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया गया है।
बिहार में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है। विभिन्न दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हैं, और निर्वाचन आयोग की यह कार्रवाई चुनावी माहौल को और गरमाने वाली मानी जा रही है।
गौरतलब है कि भारत निर्वाचन आयोग ने यह कदम पिछले दिनों उन सभी दलों के खिलाफ उठाया है जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं, लेकिन चुनावी लाभों का उपयोग कर रहे हैं। इन दलों से उम्मीद की जा रही है कि वे अपने चुनावी गतिविधियों को तेज करें या फिर अपने गैर-मान्यता प्राप्त रहने का कारण स्पष्ट करें।
यह कदम बिहार में चुनावी प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। निर्वाचन आयोग का यह नोटिस उन दलों के लिए एक चेतावनी है जो बिना सक्रियता के भी लाभ का दुरुपयोग कर रहे हैं।