पीड़ित छात्रा ने पुलिस पर लगाया मिलीभगत का आरोप,
कहा- सब मिले हैं, जानबूझकर नहीं किया गया गिरफ्तार
अब उसे भी फंसाया जा सकता है झूठे मामले में, न्याय न मिला तो पता नहीं क्या कर बैठूंगी
कानपुर। छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी एसीपी मोहसिन खान को हाईकोर्ट से कुछ राहत मिल गई है। मोहसिन की अपील पर गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर तो रोक लगा दी, पर एफआईआर रद करने से इंकार कर दिया। पुलिस ने केस की पूरी डिटेल कोर्ट में पेश की थी। उधर पीड़ित छात्रा ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाया। कहा- सब मिले हुए हैं। एसीपी को जानबूझकर गिरफ्तार नहीं किया गया और उसे हाईकोर्ट से राहत मिल गई। अब उसे भी झूठे मामले में फंसाया जा सकता है। अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह क्या कर गुजरेगी, उसे खुद नहीं पता।
इन तथ्यों पर मिली गिरफ्तारी से राहत
एसीपी ने 16 दिसंबर को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर रद करने की मांग की थी। वकील ने हाईकोर्ट में एसीपी का पक्ष रखते हुए कहा- एक साल पहले मोहसिन ने पत्नी को तलाक का नोटिस भिजवाया था। यह मामला अभी कोर्ट में है। इसके साथ ही छात्रा की कोर्ट मैरिज से जुड़ा एक डॉक्यूमेंट भी पेश किया। इसमें छात्रा की वेस्ट बंगाल निवासी साइंटिस्ट के साथ शादी होने का दावा किया गया है। इसमें शादी से जुड़े फॉर्म में छात्रा के हस्ताक्षर भी हैं, लेकिन मैरिज रजिस्ट्रेशन का कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया। इन्हीं सब तथ्यों को देखते हुए हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
छात्रा बोली- मेरे खिलाफ हो रही साजिश
पीड़ित छात्रा का कहना है कि पुलिस मेरे मामले में कोई अपडेट नहीं दे रही है। मुझ पर शादीशुदा होने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है, जबकि मैंने शादी नहीं की। मैं पुलिस के नहीं, ऊपर वाले के भरोसे हूं। अगर न्याय नहीं मिला तो मुझे भी नहीं पता कि मैं क्या कर लूंगी। मेरा करियर बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। गौरतलब है कि एसीपी का केस जेल में बंद पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी के वकील इरफान उल्लाह और विक्रम सिंह लड़ रहे हैं।
12 दिसंबर को दर्ज हुई थी यह एफआईआर
छात्रा ने एसीपी मोहसिन खान पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए कल्याणपुर थाने में 12 दिसंबर को एफआईआर दर्ज कराई थी। छात्रा का मेडिकल भी कराया गया था। इसके बाद एसीपी को लखनऊ में पुलिस हेडक्वार्टर से अटैच कर दिया गया था। मामले की जांच डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा की निगरानी में एसआईटी कर रही है।
छात्रा ने दर्ज कराई है यह एफआईआर
मेरी मुलाकात दिसंबर, 2023 में आईआईटी कानपुर में एसीपी मोहसिन से हुई। तब एक-दूसरे का मोबाइल नंबर लिया था। 23 जून, 2024 को मोहसिन ने मुझे फोन किया। कहा- मेरी गाइडेंस में आईआईटी से पीएचडी करना चाहते हैं। मैंने हां कर दी। उनकी एडमिशन फीस जमा कराई। कुछ टिप्स दिए। इंटरव्यू के बाद एडमिशन मिल गया तो हम दोनों में नजदीकी बढ़ गई। इसी बीच खान ने रिश्ते का प्रस्ताव दिया। कहा- वह अविवाहित है। उस वक्त मैं एक ब्रेकअप के दर्द से गुजर रही थी। अकेलापन महसूस होता था, इसलिए भरोसा कर लिया। हम दोनों हॉस्टल के रूम में समय बिताने लगे। एसीपी ने उसके साथ संबंध बनाए। इसी बीच, उसे पता चला कि वह शादीशुदा है। इस पर झगड़ा हुआ तो मोहसिन ने कहा- पत्नी से तलाक होने वाला है। उनकी पांच साल की बेटी है। मैंने उन पर फिर भरोसा कर लिया। इसी साल, 27 नवंबर को एसीपी पिता बने। अपने साथ धोखे का एहसास होने पर एसीपी के घर गई तो पता चला कि तलाक की बात झूठी है। एसीपी अपनी पत्नी से कभी अलग हुए ही नहीं थे। रेप के आरोपी मोहसिन खान मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं और 2013 बैच के पीपीएस ऑफिसर हैं। 1 जुलाई 2015 को पुलिस सर्विस ज्वाइन की थी। वह आगरा और अलीगढ़ में भी तीन-तीन साल तैनात रहे। इसके बाद 12 दिसंबर 2023 से कानपुर में तैनात थे। कानपुर में एसीपी साइबर क्राइम व एसीपी कलक्टरगंज के पद पर तैनात रहे थे।