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- 7 फरवरी को छेड़खानी के विरोध पर छह छात्राओं को कार सवार युवकों ने मारी थी जोरदार टक्कर
- 4 आरोपित हैं जेल में पीलीभीत में तैनात दरोगा का आरोपित नाबालिग बेटा पुलिस को दे रहा था चकमा
मुरादाबाद । थाना सिविल लाइन क्षेत्र में छेड़खानी के विरोध पर छह छात्राओं को कार से टक्कर मारने के मामले में फरार चल रहे पीलीभीत में तैनात दरोगा का आरोपित नाबालिग बेटा दिव्यांशु घटना के 25 दिन बाद सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसे किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया। जहां से नाबालिग आरोपित को राजकीय संप्रेक्षण गृह में भेज दिया गया है।
सप्ताह भर पूर्व फरार आरोपित के खिलाफ पॉक्सो कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। इस मामले में अन्य चार आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। वहीं पुलिस अधीक्षक नगर कुमार रणविजय सिंह ने सोमवार को बताया कि मामले फरार पांचवे आरोपित की तलाश के लिए पुलिस टीमें जुटीं हुई थी और लगातार दबिश दे रही थी।
महानगर के थाना सिविल लाइंस क्षेत्र की अलग-अलग कॉलोनियों की रहने वाली छह छात्राएं बीती 7 फरवरी को थाना क्षेत्र स्थित शिरडी साईं पब्लिक स्कूल से बोर्ड परीक्षा के प्रवेशपत्र लेकर लौट रही थीं। रामगंगा विहार में गोल्डन गेट ग्लोबल स्कूल के पास खड़ी छात्राएं बातचीत कर रही थीं। इस दौरान कार सवार पांच युवकों ने छात्राओं से छेड़खानी शुरू कर दी।
विरोध करने पर आरोपितों ने छात्राओं को कार से रौंद दिया था। टक्कर से एक छात्रा कार की बोनट पर गिर गई थी, जिसे कार दौड़ाने के बाद सड़क पर गिराकर आरोपित भाग निकले थे। सभी छात्राएं गंभीर रूप से घायल हो गई थीं, जिनमें से एक छात्रा की हालत बहुत गंभीर थी, जिसे दिल्ली रेफर किया गया।
सिविल लाइंस के नवीननगर निवासी शगुन सिंह को स्थानीय लोगों ने मौके से दबोच लिया था। पुलिस ने शगुन समेत पांच आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। मौके से भागे चार आरोपितों में से लक्ष्य बवेजा और उदय कौशिक और यश सिरोही को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। एक आरोपित पीलीभीत में तैनात सब इंस्पेक्टर दरोगा का 17 वर्षीय बेटा दिव्यांशु 24 दिन तक पुलिस को चकमा देता रहा। पुलिस ने इस मामले में तीन छात्राओं के बयान भी कोर्ट में दर्ज कराए थे।
सिर में गंभीर चोट लगी एक छात्रा को दिल्ली रेफर किया गया था, जहां उसका ऑपरेशन हुआ। उसके साथ ही अन्य छात्राओं की हालत में भी अब सुधार है। बीती 7 फरवरी को हुई घटना के बाद से फरार आरोपित दिव्यांशु की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही थी। लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी। गिरफ्तारी नहीं होने पर विवेचक ने पॉक्सो कोर्ट में रिपोर्ट दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने दिव्यांशु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया था।
सोमवार को सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपित दिव्यांशु को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार शाम को पुलिस ने उसे किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया, जहां से आरोपित को राजकीय संप्रेक्षण गृह भेज दिया है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पीलीभीत के एसपी को भेजा था पत्र –
बीती 7 फरवरी को छेड़खानी के विरोध पर छह छात्राओं को कार से टक्कर मारने के मामले में फरार चल रहा पीलीभीत में तैनात दरोगा का नाबालिग बेटा पुलिस के हाथ नहीं आ रहा था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि दरोगा ने बेटे को कहीं छिपा रखा है। इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सतपाल अंतिल ने पीलीभीत के पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज था। जिसमें दरोगा के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है। इसके बाद ही दरोगा ने अपने बेटे को मुरादाबाद भेज दिया। पुलिस को इसकी भनक लगी तो उसे दबोच लिया।