
बरेली : थाना बारादरी क्षेत्र के हजियापुर के युवक का संदिग्ध परिस्थितियों में रामपुर में शव मिला। युवक ईद की शाम से लापता था। ईद की शाम दोस्त दावत के बहाने घर से बुलाकर ले गए थे, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। नौ दिन बाद उसकी मौत की सूचना परिजनों को मिली। मृतक के पिता ने रज़ा एक्शन कमेटी के साथ आईजी बरेली से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की ह
जानकारी के मुताबिक थाना बारादरी क्षेत्र के हजियापुर निवासी इशाक अहमद के बेटे मोहम्मद आशिक की लाश रामपुर जिले में संदिग्ध हालत में मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतक के परिजनों को सूचना दी।
परिजनों के मुताबिक , 31 मार्च की रात लगभग 8 बजे मोहम्मद आशिक को उसके तीन दोस्त हजियापुर निवासी जुबैर (पुत्र नासिर,जोगी नवादा निवासी , उमर पुत्र सगीर अहमद, और खुर्रम गौटिया निवासी कार्तिक निवासी अपनी सफेद स्विफ्ट कार (UP25 AC 0432) में ईद की दावत के बहाने अपने साथ ले गए थे। रातभर जब आशिक घर नहीं लौटा तो परिवार ने उसे फोन किया, लेकिन उसका मोबाइल बंद मिला।
अगले दिन परिजनों ने आशिक के दोस्तों से पूछताछ की, लेकिन उन्होंने आशिक के बारे में कोई
जवाब नहीं दिया और बहाने बनाकर खुद भी तलाश करने में जुट गए। शक होने पर 3 अप्रैल को आशिक के पिता ने बारादरी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
इसी बीच 9 अप्रैल को परिवार को सूचना मिली कि आशिक की लाश 31 मार्च को ही रामपुर के थाना शहजाद नगर क्षेत्र में सड़क किनारे पड़ी है। स्थानीय पुलिस ने अज्ञात शव मानते हुए पोस्टमार्टम करवा कर अंतिम संस्कार भी कर दिया था।
मृतक के पिता का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या कर दी गई है। उन्होंने दावा किया कि आशिक का मोबाइल फोन, पर्स, एटीएम कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज भी गायब हैं। उन्होंने आईजी को ज्ञापन सौंपकर जुबैर और उसके साथियों पर हत्या और लूट का मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।