
Patna : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दसवां कार्यकाल तय हो चुका है। शुक्रवार को आए नतीजों ने एनडीए को 243 सीटों में से 202 पर काबिज कर दिया, जो बहुमत के आंकड़े (122) से कहीं अधिक है। इस प्रचंड बहुमत ने न केवल विपक्षी महागठबंधन को 35 सीटों पर सिमटा दिया, बल्कि नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा को नया अध्याय भी जोड़ दिया।
शनिवार सुबह से ही सीएम आवास पर नेताओं का तांता लग गया लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान पहले पहुंचे, तो केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और भाजपा के बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान भी आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए हाजिर हो गए।
यह जीत एनडीए के लिए 2010 के बाद का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है, जब गठबंधन ने 206 सीटें जीती थीं। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी (89 सीटें), उसके बाद जदयू (85), एलजेपी (आरवी) (19), हम (सेक्युलर) (5) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (4)। विपक्ष में आरजेडी को महज 25, कांग्रेस को 6, भाकपा (माले) लिबरेशन को 2, माकपा को 1, एआईएमआईएम को 5 और बीएसपी को 1 सीट मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार शाम फोन पर नीतीश को बधाई दी, और कहा, “यह जीत विकास और सुशासन की जीत है। गंगा की धारा बिहार से बंगाल तक बह रही है।” नीतीश ने ट्वीट कर कहा, “लोगों का आशीर्वाद एनडीए की एकजुटता का प्रमाण है।”
शुक्रवार की शाम से शुरू हुई चहल-पहल: बधाई का दौर
शुक्रवार दोपहर जैसे ही रुझान एनडीए के पक्ष में आने लगे, सीएम आवास पर खुशी की लहर दौड़ गई। शाम 5 बजे तक जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय मंत्री रामनाथ ठाकुर और भाजपा के कई विधायक पहुंच चुके थे। भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने कहा, “यह जीत पीएम मोदी और सीएम नीतीश की जोड़ी का कमाल है।” दिल्ली से पीएम मोदी की बधाई के बाद जदयू प्रमुख ने एनडीए सहयोगियों – एलजेपी (आरवी), हम (एस), राष्ट्रीय लोक मोर्चा – को धन्यवाद दिया। विपक्ष की हार पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “हम लड़े, लेकिन जनता ने फैसला लिया।”
रात 8 बजे तक सीएम आवास पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय भी पहुंचे। ललन सिंह ने बताया, “एनडीए की एकता ने विपक्ष को नेस्तनाबूद कर दिया। महिलाओं और युवाओं का समर्थन ऐतिहासिक रहा।” यह बैठक कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे पर केंद्रित रही।
शनिवार सुबह का सैलाब: चिराग से मांझी तक, शपथ पर मुहर?
शनिवार सुबह 9:30 बजे चिराग पासवान सीएम आवास पहुंचे। एलजेपी (आरवी) प्रमुख ने नीतीश को बधाई दी और कहा, “सीएम नीतीश बिहार के लिए जरूरी हैं। उनकी सहनशक्ति राजनीति का सबक है।” चिराग ने 2020 में जदयू को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन इस बार एनडीए में शामिल होकर 19 सीटें जीत लीं। उनकी मुलाकात में शपथ तिथि और विधायकों के आधार पर मंत्रिमंडल कोटा तय करने पर सहमति बनी।
सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (हम-एस) पहुंचे, जिनकी पार्टी ने 5 सीटें जीतीं। मांझी ने कहा, “एनडीए की जीत पिछड़ों और महादलितों की जीत है।” उसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) आए, जिनकी पार्टी को 4 सीटें मिलीं। धर्मेंद्र प्रधान ने मीटिंग में कहा, “शपथ 18 या 19 नवंबर को संभव। भाजपा को 18-20 मंत्री पद मिलेंगे।” संजय झा ने पुष्टि की, “आज ही शपथ तिथि और कोटा फाइनल होगा। नीतीश कुमार ही सीएम रहेंगे।”
प्रचंड बहुमत का मतलब: नई सरकार का खाका तैयार
एनडीए की 202 सीटों में से भाजपा को 89 (2020 के 74 से वृद्धि), जदयू को 85 (43 से दोगुना) मिलीं। यह जीत महिलाओं के वोट (65% महिलाओं ने एनडीए को चुना) और युवा मतदाताओं (बेरोजगारी के बावजूद विकास वादों पर भरोसा) की बदौलत हुई। विपक्ष की हार पर तेजस्वी ने रघोपुर सीट तो बचाई, लेकिन महागठबंधन सिमट गया।
शपथ ग्रहण की तैयारी तेज: 18 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में संभावित समारोह, जिसमें पीएम मोदी मुख्य अतिथि होंगे। कैबिनेट में भाजपा को उपमुख्यमंत्री समेत 18-20, जदयू को 14-16, बाकी सहयोगियों को 6-8 पद। विभाग बंटवारा: गृह-नीतीश, वित्त-भाजपा।
यह जीत बिहार की राजनीति में नया अध्याय जोड़ेगी, जहां नीतीश की ‘सुशासन बाबू’ छवि फिर चमकी। विपक्षी नेता प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को एक भी सीट न मिलना बड़ा झटका है। एनडीए की एकजुटता ने साबित किया – ‘टाइगर अभी जिंदा है’। पटना की सड़कों पर जश्न का माहौल है, और सीएम आवास पर चर्चाएं तेज।















