लखनऊ, . जमीन विवाद की सुनवाई कथित रूप से न होने से परेशान हो कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के सामने बेटी के साथ आत्मदाह का प्रयास करने वाली महिला की मौत हो गयी है. घटना के बाद ही यह खबर आयी थी कि मां साफिया 70 प्रतिशत से अधिक झुलस गई हैं और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। उनका इलाज लखनऊ के सिविल अस्पताल में चल रहा था। साफिया अमेठी जिले की रहने वाली थीं और गांव के दबंगों ने उनकी व उनकी बेटी गुड़िया की नाली विवाद में पिटाई कर दी थी।
स्थानीय पुलिस थाने ने उनकी शिकायत पर अपराधियों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद दोनों मां साफिया व बेटी गुड़िया ने तय किया कि वे लखनऊ में मुख्यमंत्री कार्यालय जाएंगी।
यह घटना पिछले सप्ताह (17 July 2020) मुख्यमंत्री कार्यालय लोकभवन के सामने घटित हुई थी। इसके बाद आसपास मौजूद लोगों ने दोनों महिलाओं को बचाया व अस्पताल में भर्ती कराया।
घटना के बाद इस मामले में अमेठी के एसपी ने कार्रवाई करते हुए जामो थाना के इंचार्ज सहित चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था। अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के कस्बा निवासी दो मां-बेटी की गांव के दबंग अलगू साहू व अन्य ने पिटाई की थी।
मां-बेटी का डेढ महीने से नाली को लेकर विवाद चल रहा था और परेशान होकर वे थाना पहुंची थीं। पुलिस में शिकायत करने के बाद अपराधी भड़क गए और लाठी डंडे लेकर देर रात उनके घर पहुंच गए और उनकी जम कर पिटाई कर दी। गुड़िया ने अपने बयान में कहा था कि इसके बाद हमारे पास कोई रास्ता नहीं बचा तो हमने मुख्यमंत्री कार्यालय जाने का निर्णय लिया।
पूर्व आइएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर उत्तरप्रदेश में हाल की आपराधिक घटनाओं पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है कि ऐसे प्रदेश में श्रीराम नहीं आएंगे जहां महिलाओं पर अपराध चरम पर हो।