Solar Eclipse 2020: जानिए क्यों किया जाता है ग्रहण में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल


21 जून को आषाण अमावस्या पर लगने वाला कंकणाकृति खण्डग्रास सूर्य ग्रहण 900 साल बाद लग रहा है। रविवार को लगने के कारण इसे चूणामणि ग्रहण कहा जा रहा है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है। इससे पहले पांच जून को चंद्र ग्रहण लग चुका है। धार्मिक दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह चंद्र ग्रहण के कुछ दिन बाद पड़ रहा है। ऐसा माना जाता है कि एक ही महीने में दो ग्रहण लगने की स्थिति सही नहीं है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले से ही शुरू हो जाएगा।


सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले लग जाएगा। सूतक काल 20 जून की रात 10 बजे से शुरू हो जाएगा। सूर्य ग्रहण का मध्य 12 बजकर 24 मिनट दोपहर में होगा। ग्रहण का मोक्ष दोपहर दो बजकर सात मिनट पर होगा। भारतीय समयानुसार, सूर्य ग्रहण 21 जून को सुबह नौ बजकर 15 मिनट पर लगेगा और शाम तीन बजकर चार मिनट तक रहेगा। पूर्ण ग्रहण को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर देखा जा सकेगा।

क्यों होता है तुलसी का इस्तेमाल

तुलसी से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी का प्रतिदिन दर्शन करने से सभी पाप खत्म हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इसकी पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। ग्रहण को अशुभकाल माना जाता है। कहते हैं कि सूर्य ग्रहण के दौरान धरती पर बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है इसलिए ग्रहणकाल के समय तुलसी का प्रयोग घर की शुद्धि करने में मदद को की जाती है। वहीं, मान्यता है कि तुलसी होने से ग्रहण के बाद आई सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी दोषों का नाश करने वाली होती है, इसलिए नकारात्मक ऊर्जा खत्म करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

तुलसी में होता है पारा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार तुलसी में पारा होता है और तुलसी में अन्य कई औषधीय गुण भी होते हैं। तुलसी सेहत के लिए भी वरदान मानी गई है। तुलसी में कई बीमारियों से लड़ने के गुण बताए गए हैं। दरअसल पारा के ऊपर किसी भी तरह की किरणों का कोई असर नहीं होता है। ग्रहण के समय पैराबैंगनी किरणें निकलती हैं जो सेहत के लिए हानिकारक होती हैं। पारे के गुण के कारण खाने में तुलसी के पत्ते रखने से वह निष्क्रिय हो जाती हैं।

खाने-पीने की चीजों में रखें तुलसी

ग्रहण के दौरान खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता रख देने से उस पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहण के सूतक शुरू होने से पहले लोगों को खाने-पीने की चीजों में खासकर अचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद्य पदार्थों में तुलसी का पत्ता रख देना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से खाने की चीजों पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है। चंद्रग्रहण के बाद घर में तुलसी के पत्ते से पूजा, व्रत, यज्ञ, जप और हवन करने के समान पुण्य प्राप्त होता है।

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