पीलीभीत : एक बार फिर मानवता हुई शर्मसार वन्य जीव की हत्या

ग्रामीणों द्वारा मगरमच्छ को उतारा गया मौत के घाट विभाग में छुपाया मामला
सामाजिक वानिकी क्षेत्र में वन्य जीव की हत्या के बादनहीं होता है पोस्टमार्टम

पीलीभीत। पीलीभीत टाइगर रिजर्व वन्य जीव से भरपूर है लेकिन इसी के साथ जनपद में भी वन्य जीवन बड़े पैमाने पर फल फूल रहा है। पक्षी, जलीय जीव, और हिरण प्रजाति जनपद के हर हिस्से में देखने को मिलती है।पिछले दिनों जानाबाद थाना क्षेत्र के रम्पुरा उज्जैनिया  सामाजिक वानिकी में एक मगरमच्छ निकलने की सूचना मिली जबकि देर रात तक वहां पीलीभीत टाइगर रिजर्व एवं सामाजिक वानिकी से कोई भी अधिकारी व कर्मचारी नहीं पहुंचा।

ग्रामीणों द्वारा मगरमच्छ को मौत के घाट उतार दिया गया।  यह एक शर्मनाक घटना थी लेकिन इससे ज्यादा बुरा तब हुआ जब उस क्षेत्र के सामाजिक वानिकी कर्मचारियों ने अधिकारियों के आदेश पर मगरमच्छ की मौत की सूचना छुपा ली और बिना पोस्टमार्टम और बिना वन अधिनियम के केस काटे मगरमच्छ को दबा दिया गया।घटना यही नहीं थी तीन जून को इसी क्षेत्र में एक हंस का जोड़ा भी ग्रामीणों द्वारा मार दिया गया था। उसे भी विभाग ने बिना पोस्टमार्टम किए मिट्टी में दबा दिया अब सवाल ये उठता है की जहां सामाजिक वानिकी प्रभाग इन दिनों जुर्माना वसूलने में मंडल बार में एक नंबर पर है। तो आखिर क्यों वन्य जीवन की मौत छुपाने में लगा हुआ है। पिछले दिनों कई घटनाओं में सामाजिक वानिकी ने बड़ा जुर्माना वसूलते हुए सरकार का राजस्व बढ़ाया वही बेमौत मर रहे वन्य जीवन की घटनाओं को छुपाते हुए सामाजिक वानिकी प्रभाग मौन धारण कर चुका है।

काला हिरण रिकॉर्ड में नहीं मगर जिले में फल फूल रहा है
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में जहां एक तरफ पांच से छह हिरण प्रजाति फल-फूल रही है वहीं दूसरी तरफ जनपद में काला हिरण भी अपनी पीढ़ी को आगे बढ़ाने में लगा हुआ है कमाल की बात है कि सामाजिक वानिकी और पीटीआर के पास काले हिरण की कोई गणना नहीं है वहीं दूसरी तरफ आए दिन बरेली पीलीभीत हाईवे पीलीभीत सितारगंज हाईवे पर काले हिरण की दबकर मौत होती है जिसके बाद सामाजिक वानिकी प्रभाग उस मामले को भी गड्ढे में दबा देता है और काले धन की कोई पुष्टि नहीं करता।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें