पाकिस्तान में हिंदुओं के 22 घरों को गिराने की असली कहानी क्या है

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर एक जगह है। यह इलाका काफी दूरस्थ गांव की तरह है। जहां कुछ हिंदुओं का घर बना हुआ है। 20 मई को यहां याज़मान स्थानीय प्रशासन ने अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के 22 घरों को ढहा दिया। जिसके बाद जमकर बवाल हुआ। भारत ने इस घटना के लिए पाकिस्तान से काफी नाराज भी दिखा। वहीं पाकिस्तान में जिन हिंदुओं के घर गिराए गए हैं, उनका कहना है कि यह घटना उनके धर्म के आधार पर किए गए हैं। उन स्थानिय लोगों के बारे में कोई प्रशासन या सरकारी कर्मचारी कुछ कहता कि उससे पहले ही पाकिस्तान के मानवाधिकर आयोग ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि समुदाय को धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया है

जहां यह घटना हुई, वो एरिया पूरे 15 एकड़ में फैला हुआ है। यहां अधिकतर नागरिक बेहद ग़रीब और अशिक्षित हैं। अधिकतर लोग खेतों में या दिहाड़ी मज़दूर के रूप में काम करते हैं। अल्पसंख्यक समूदाय के कल्याण के लिए साल 2018 में राजस्व बोर्ड ने उन्हें ज़मीन पर घर बनाने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद समुदाय के नेता मंशा राम ने स्थानीय नेता मुहम्मद बूटा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वो इस ज़मीन का बड़ा टुकड़ा लेना चाहते थे और उनके समुदाय ने इसका विरोध किया।

इसके बाद आरोप लगाए गए कि बूटा असिस्टेंट कमिश्नर के दफ्तर में जाकर मंशा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि मंशा सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा कर रहा है और अपने समुदाय के लोगो को जमीन बेचकर उससे पैसा कमा रहा है। मुहम्मद बूटा की धमकी के बाद मंशा ने कोर्ट का रास्ता अपनाया। कोर्ट ने इस बारे में स्टे ऑर्डर लगा दिया था कि जब तक अगली सुनवाई नहीं होगी, घर और घर में रहने वाले लोग सभी सुरक्षित रहेंगे लेकिन, हुआ ऐसा कुछ नहीं। कोर्ट की बातों को दरकिनाग करते हुए 20 मई को एरिया के 22 हिंदू घरों के ऊपर बुल्डोजर चला दिया गया।

इन घरों में रहने वाले रो-रो कर रहम की भीख मांगते रहे लेकिन, बुल्डोजर चलवाने वाले के लिए रहम नाम का कोई शब्द ही नहीं था। इस पूरे मामले में जब मुहम्मद बूटा का कहना है कि

मेरी हिंदू समुदाय से कोई दुश्मनी नहीं है। मैं दूसरे गांव में रहता हूं तो यह मेरा व्यवसाय नहीं है लेकिन मैं ख़ासतौर पर दुखी था जब कुछ हिंदू लोगों ने मुस्लिम क़ब्रिस्तान को लेकर अपमान किया था। वो वहां रात में शराब पीते हैं और वहां पर ख़ाली बोतलें और गिलास छोड़ जाते हैं। यह बंद होना चाहिए।”

इसके ठीक उल्टा पाकिस्तान के जिस मानवाधिकार ने इस पूरे मुद्दे को हाइलाइट किया है, उसका कहना है कि अपनी राजनीतिक पहुंच का इस्तेमाल कर बूटा ये सारा काम किया है। इस बात का उनके पास सबूत भी है। अब इस पूरे मामले में क्या सच है और क्या झूठ, फिलहाल इसका पता चलना बाकी है लेकिन, एक बात तो स्पष्ट है कि बीते कुछ दिनों से लगातार हिंदुओं के खिलाफ इस तरफ की खबरें आती रही है।

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