योगी सरकार का बड़ा लक्ष्य, 2035 तक सौ प्रतिशत वेस्ट वॉटर का होगा पुनः उपयोग

Lucknow : उत्तर प्रदेश को जल सुरक्षा और सतत विकास के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक बड़ी और दूरदर्शी पहल की जा रही है। योगी सरकार ने स्पष्ट लक्ष्य तय किया है कि वर्ष 2030 तक 50 प्रतिशत और 2035 तक 100 प्रतिशत वेस्ट वॉटर का सुरक्षित पुनः उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि कृषि, उद्योग और गैर-पेय घरेलू जरूरतों में इसका प्रभावी इस्तेमाल किया जा सके। इसके लिए व्यापक नीति, चरणबद्ध कार्ययोजना और मजबूत क्रियान्वयन तंत्र तैयार किया गया है।

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्त्ता का मानना है कि यह पहल न केवल जल संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और टिकाऊ जल प्रबंधन की मजबूत नींव भी रखेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन के तहत अब वेस्ट वॉटर को बोझ नहीं, बल्कि आर्थिक संसाधन के रूप में विकसित किया जाएगा। उपचारित जल का उपयोग नगर निकायों के विभिन्न कार्यों, औद्योगिक इकाइयों, कृषि क्षेत्र और गैर-पेय घरेलू उपयोग में किया जाएगा, जिससे भूजल पर निर्भरता कम होगी और पर्यावरण संतुलन मजबूत होगा।

राज्य स्वच्छ गंगा मिशन के परियोजना निदेशक जोगिन्दर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नदियों के संरक्षण और जल प्रबंधन को लेकर अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में वेस्ट वॉटर मैनेजमेंट के लिए एक स्पष्ट रोडमैप तैयार किया गया है, जिसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। जहां सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और संग्रहण की व्यवस्था पहले से उपलब्ध है, वहां 2025 से 2030 के बीच 50 प्रतिशत वेस्ट वॉटर के पुनः उपयोग का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद 2030 से 2035 के बीच क्षमता विस्तार कर 100 प्रतिशत वेस्ट वॉटर के पुनः उपयोग को सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं, जिन क्षेत्रों में अभी उपचार और संग्रहण की व्यवस्था नहीं है, वहां 2045 तक चरणबद्ध ढंग से पहले 30 प्रतिशत, फिर 50 प्रतिशत और अंततः 100 प्रतिशत वेस्ट वॉटर के उपयोग की व्यवस्था विकसित की जाएगी। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की इस नीति का उद्देश्य जल संसाधनों पर बढ़ते दबाव को कम करना, पर्यावरण संरक्षण को मजबूती देना और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सतत विकास सुनिश्चित करना है। सरकार का आकलन है कि यह योजना पर्यावरणीय दृष्टि से तो लाभकारी होगी ही, साथ ही आर्थिक रूप से भी राज्य के लिए दूरगामी फायदे लेकर आएगी।

जोगिन्दर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर रहा है। शहरी, ग्रामीण और गैर-पेय उपयोग के लिए अलग-अलग प्लानिंग की जा रही है, जिससे जल संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। योगी सरकार वेस्ट वॉटर को विकास के संसाधन में बदलकर प्रदेश को जल प्रबंधन का आदर्श मॉडल बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।

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