अवध में शाम होते ही सड़कों पर रेंगने लगती है सैकड़ों गाड़ियां

  • यातायात व्यवस्था पूरी तरह से फेल फील्ड पर नजर नहीं आते जिम्मेदार
  • तमाम उपाय के बाद भी यातायात जैसे का तैसा हॉल
  • यातायात के लिए मंगाए गए करोड़ों के उपकरण भी फेल या फाक रहें घूल

लखनऊ। राजधानी में यातायात व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही। बस अड्डे, रिक्शों पर कार्रवाई रूट डायवर्जन समेत कई सड़कों के बीच आने वाले कट कहने का मतलब सारे उपाय कर लिए गए लेकिन स्थिति जैसे की तैसी बनी हुई है। शाम होते ही अवध के हर चौराहों पर सैकड़ों गाड़ियां रेंगने लगती है। और करोड़ों का ईंधन जल जाता लखनऊ अयोध्या हाईवे हो शहर के प्रमुख चौराहे हो हर जगह गाड़ियों की लम्बी लम्बी कतारे नजर आती है। कामता चौराहा पर तो अवैध वाहनों का ऐसा खेल मानों कुछ हो ही नहीं रहा ई-रिक्शा का सत्यापन हुआ लेकिन आधा अधूरा फिर जोन वाइज बाटा गया फिर बारकोड की व्यवस्था की गई। लेकिन स्थिति जैसे की तैसी ही बनी हुई और अवध को जाम के झाम से निजात नहीं मिल पा रही। वहीं यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए कई हाईटेक उपकरण इस्तेमाल हुए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बस ट्रैफिक पुलिस अपना सालाना रिजल्ट जारी कर अपने हाथों अपनी पीठ थपथपाती लेती है ।

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