
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की केंद्रीय कैबिनेट (CCEA) ने बुधवार, 31 दिसंबर 2025 को महाराष्ट्र में 6-लेन ग्रीनफील्ड, एक्सेस-कंट्रोल्ड नाशिक–सोलापुर–अक्कलकोट कॉरिडोर के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 374 किलोमीटर होगी और इसे BOT (टोल) मोड पर करीब 19,142 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जाएगा। यह परियोजना पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान के तहत इंटीग्रेटेड परिवहन ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
प्रमुख शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
यह कॉरिडोर महाराष्ट्र के नाशिक, अहिल्यानगर और सोलापुर जैसे महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ते हुए आगे कर्नूल तक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे NICDC के प्रमुख औद्योगिक नोड्स कोप्पार्थी और ओरवाकल से माल परिवहन को सुगम बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही यह परियोजना पुणे–नाशिक एक्सप्रेसवे के नाशिक–तालेगांव दिघे सेक्शन के विकास की जरूरत को भी पूरा करेगी, जिसे NICDC ने महाराष्ट्र सरकार के प्रस्तावित नए एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट के रूप में चिह्नित किया है।
यात्रा समय और लॉजिस्टिक्स लागत में होगी बड़ी कमी
इस एक्सेस-कंट्रोल्ड 6-लेन ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य ट्रैवल एफिशिएंसी और लॉजिस्टिक्स क्षमता को बढ़ाना है। यह हाई-स्पीड कॉरिडोर बेहतर सुरक्षा और निर्बाध ट्रैफिक के लिए डिजाइन किया गया है, जिससे यात्रा समय, ट्रैफिक जाम और परिचालन लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी। वर्तमान में जहां इस रूट पर यात्रा में करीब 31 घंटे लगते हैं, वहीं नए कॉरिडोर के चालू होने के बाद यह समय घटकर लगभग 17 घंटे रह जाएगा, यानी करीब 45 प्रतिशत की बचत होगी।
महाराष्ट्र के कई जिलों में मिलेगा विकास को बढ़ावा
इस परियोजना से नाशिक, अहिल्यानगर, धाराशिव और सोलापुर जिलों में बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी। बेहतर सड़क कनेक्टिविटी के चलते इन क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियां तेज होंगी और समग्र आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यात्रियों और मालवाहक वाहनों दोनों को सुरक्षित, तेज और निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी।
रोजगार सृजन में भी निभाएगा अहम रोल
करीब 19,142 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह कॉरिडोर प्रोजेक्ट लगभग 251.06 लाख मानव-दिवस का प्रत्यक्ष और 313.83 लाख मानव-दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगा। इसके अलावा, कॉरिडोर के आसपास आर्थिक गतिविधियों में बढ़ोतरी से भविष्य में और भी रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है।















