उपलब्धियो और खामियों के बीच जूझता रहा 2025!

Achievements & Challenges : साल 2025 आज समाप्त होने जा रहा है, और यह वर्ष निश्चित रूप से यादगार और घटनाओं से भरा रहा। इस साल भारत ने रक्षा, प्रौद्योगिकी, खेल और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं। स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट का लॉन्च, अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण, महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्ड कप जीत, और ‘विकसित भारत बिल्डथॉन’ जैसी पहलों ने देश को गर्वित किया। इसके अलावा, एआई क्षेत्र में भारत ने उभरती शक्ति के रूप में अपनी पहचान बनाई और इलेक्ट्रॉनिक्स तथा इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) सेक्टर में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई।

हालांकि, यह साल केवल उपलब्धियों से भरा नहीं रहा। भारतीय फुटबॉल में प्रशासनिक संकट और खराब प्रदर्शन, एयरलाइन सेक्टर में अनिश्चितता, युवाओं के बीच रोजगार की चिंताएँ, डिजिटल युग में निजता और सुरक्षा संबंधी मुद्दे, तथा कुछ चर्चित किताबों की अपेक्षाओं पर खरा न उतरना निराशाजनक रहे।

राजनीतिक घटनाओं ने भी साल को रंगीन और विवादास्पद बनाया। ऑपरेशन सिंदूर इस साल का सबसे बड़ा राष्ट्रीय घटनाक्रम था। जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में बने आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की, जिसमें 125 से अधिक आतंकवादी मारे गए। ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 6-7 फरवरी की रात हुई थी और बाद में पाकिस्तान के साथ सीजफायर लागू किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच-बचाव दावे को भारत सरकार ने खारिज कर दिया। इस पर विपक्ष ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा और संसद में विशेष चर्चा की मांग की।

राजनीतिक घटनाओं में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा और SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) के विवाद ने सुर्खियाँ बटोरीं। बिहार चुनाव में नीतीश कुमार की सत्ता में वापसी और विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल का महज 25 सीटों तक सीमित रहना, जबकि तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष बनने का अवसर मिला, भी प्रमुख घटनाओं में शामिल रही। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को पराजित कर भारतीय जनता पार्टी सत्ता पर काबिज हुई और रेखा गुप्ता मुख्यमंत्री बनीं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वर्ष 2025 घटनापूर्ण रहा। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत पर ट्रंप प्रशासन ने रूसी तेल के कारण टैरिफ बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया। घरेलू चुनौतियाँ भी कम नहीं थीं। इंडिगो एयरलाइंस की अव्यवस्था, बढ़ता वायु प्रदूषण, भ्रष्टाचार के बढ़ते मामले और गिरता रुपया सरकार के लिए चिंता का विषय बने। निजी निवेश और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में कमी ने अर्थव्यवस्था की सुस्ती को और बढ़ाया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने सरकार के विकास आंकड़ों की सटीकता पर भी सवाल उठाए।

साल 2025 में सुरक्षा और आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं ने भी चिंता बढ़ाई। पहलगाम और दिल्ली के लाल किले में हुए आतंकी हमलों ने यह स्पष्ट कर दिया कि सीमा पार आतंकवाद और सुरक्षा चूक अभी भी गंभीर चुनौती हैं। विस्फोटकों से भरी कारों का आसानी से राजधानी तक पहुंचना सरकार की मजबूत सुरक्षा छवि को धूमिल करने वाला रहा।

कुल मिलाकर, साल 2025 भारत के लिए उपलब्धियों, राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों, सुरक्षा संकट और सामाजिक मुद्दों का मिश्रण लेकर गया। जैसे-जैसे हम 2026 में प्रवेश कर रहे हैं, देश की उम्मीदें यही हैं कि नया साल विकास, सुरक्षा और सतर्कता का प्रतीक बने।

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