
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बड़ा कदम उठाते हुए, 100 मिलीग्राम से अधिक वाली निमेसुलाइड पेन किलर टैबलेट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस फैसले का आधार स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों का आकलन है, और यह फैसला ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सलाह पर लिया गया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि निमेसुलाइड की यह उच्च खुराक मनुष्यों के लिए खतरनाक हो सकती है, जबकि दर्द से राहत पाने के लिए बाजार में अनेक सुरक्षित विकल्प मौजूद हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “100 मिलीग्राम से अधिक खुराक वाली निमेसुलाइड दवाओं का सेवन मनुष्यों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। दर्द से राहत पाने के लिए कई सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं।”
क्या है निमेसुलाइड?
निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल दर्द निवारक दवा है, जो आमतौर पर दर्द से आराम पाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। लेकिन, सरकार ने इस पर चिंता जताते हुए, इसकी खुराक को लेकर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। उल्लेखनीय है कि 2011 में, स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए निमेसुलाइड के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि यह नुकसानदायक साबित हो सकता है।
यह प्रतिबंध ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 1940 की धारा 26ए के तहत लगाया गया है, जिसमें स्वास्थ्य जोखिमों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने का प्रावधान है।
दुनिया भर में इस दवा को लेकर चिंता बढ़ रही है। यूरोप के कई देशों में, जैसे फिनलैंड, स्पेन, आयरलैंड और बेल्जियम, 2007 से ही निमेसुलाइड पर प्रतिबंध है। इसके अलावा कनाडा, जापान, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूके में भी इसके इस्तेमाल पर रोक है।
क्या है खतरा?
सरकार का मानना है कि, उच्च खुराक में निमेसुलाइड का सेवन स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा हो सकता है। इससे न सिर्फ जिगर और किडनी पर बुरा असर पड़ सकता है, बल्कि हृदय संबंधी जटिलताएं भी हो सकती हैं।
क्या विकल्प हैं?
दर्द से राहत पाने के लिए बाजार में कई सुरक्षित और स्वीकृत विकल्प मौजूद हैं, जिनके इस्तेमाल से सुरक्षित रह सकते हैं।
यह कदम देश में सुरक्षित दवा प्रबंधन और जनता के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए बेहद जरूरी माना जा रहा है। सरकार का मकसद है कि बिना जरूरत के खतरनाक दवाओं का सेवन रोका जाए और लोगों को सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।
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