
Memorable events of 2025 : 2025 का साल आज समाप्त होने जा रहा है, और यह वर्ष निश्चित रूप से यादगार और घटनाओं से भरा रहा। यह साल कई खुशियों, आघातों, प्रेरणादायक घटनाओं और बड़े संकटों का मिश्रण लेकर आया, जिसने पूरे देश को हिला दिया। साल की शुरुआत देश के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन प्रयागराज महाकुंभ के भव्य और भक्तिमय रंगों के साथ हुई। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जिसे दशकों में एक बार ही देखा जा सकता है। इस आयोजन में न केवल साधारण लोग, बल्कि कई प्रसिद्ध गुरु, बाबा और साधु भी मौजूद थे, जिनके पास अद्भुत सिद्धियां थीं। महाकुंभ में कुछ ऐसी घटनाएं भी हुईं, जो आम लोगों के लिए असाधारण और चौंकाने वाली थीं। उदाहरण के लिए, आईआईटी छोड़कर सन्यास लेने वाला युवक, या विदेशियों के लिए आश्रम खोलकर सेवा करना। इन घटनाओं ने लोगों को प्रेरित किया और इस धार्मिक आयोजन को और भी खास बना दिया।
लेकिन इस साल केवल धार्मिक और सामाजिक उत्सव ही नहीं, बल्कि दुखद और हृदय विदारक घटनाएं भी देखने को मिलीं। 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ के लिए जाने वाली ट्रेनों में अचानक भगदड़ मच गई। इस घटना में 18 लोगों की मौत हुई और 15 लोग घायल हुए। भगदड़ का कारण अत्यधिक भीड़ और असुरक्षित व्यवस्था थी। यात्रियों के सिर पर भारी सामान और जल्दी में ट्रेनों में चढ़ने की जल्दबाजी ने फुटओवर ब्रिज पर दबाव बढ़ा दिया, जिससे लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे। यह हादसा हमें याद दिलाता है कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर सुरक्षा और व्यवस्था कितनी अहम होती है।
साल की दूसरी बड़ी और विवादित घटना तीन मार्च को मेरठ में हुई, जब लंदन में काम करने वाले सौरभ राजपूत की हत्या उनके ही घर में उनकी पत्नी मुस्कान रस्तोगी और उसके प्रेमी साहिल शुक्ला ने की। सौरभ ने पहले फिनायल पी, फिर दुपट्टे का फंदा बनाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया, लेकिन उसकी हत्या कर दी गई और शव के टुकड़े कर उन्हें नीले प्लास्टिक के ड्रम में भरकर सीमेंट से सील कर दिया गया। घटना का खुलासा 18 मार्च को हुआ और दोनों आरोपी जेल भेज दिए गए। यह कांड देश में क्रूरता और घरेलू हिंसा के भयावह रूप को सामने लाया।
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई और 17 घायल हुए। हमले के अधिकांश शिकार पर्यटक थे, और इस घटना की एक तस्वीर पूरी दुनिया में वायरल हुई, जिसमें नवविवाहित पत्नी अपने पति के शव के पास बैठी रो रही थी। यह हमला 2019 में पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला था और पूरे देश के लिए सुरक्षा की चिंता को बढ़ा गया।
मध्य प्रदेश में राजा रघुवंशी हत्याकांड ने भी साल को चर्चा में रखा। इंदौर के 30 वर्षीय राजा और उनकी पत्नी सोनम शादी के 12 दिन बाद हनीमून के लिए मेघालय गए, लेकिन वहां से दोनों लापता हो गए। बाद में शव पूर्वी खासी हिल्स के पास मिला। जांच में पता चला कि सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा ने मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची थी। इसके साथ ही, अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट एआई 171 हादसे ने पूरे देश को सदमे में डाल दिया। टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन फेल हो गए और विमान रिहायशी इलाके में गिरा। इस हादसे में 270 लोग मारे गए, जिसमें गुजरात के पूर्व सीएम विजय रुपाणी भी शामिल थे, और सिर्फ एक यात्री की जान बची।
खेलों और सार्वजनिक आयोजनों में भी इस साल कई दुखद घटनाएं हुईं। 4 जून को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हुए। 9 जून को मुंबई में लोकल ट्रेन हादसे में चार लोगों की जान चली गई और 13 घायल हुए। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में वेंकटेश्वर मंदिर में भगदड़ में 9 लोगों की मौत हुई। हिमाचल प्रदेश में मानसून ने जुलाई से सितंबर तक कहर बरपाया। भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ ने हजारों परिवारों की ज़िंदगी तबाह कर दी। कई घर बह गए और कई गांव नष्ट हो गए। बिलासपुर में 7 अक्टूबर को भल्लू पुल पर गिरने वाला पहाड़ और जैसलमेर में 14 अक्टूबर को आग लगी बस हादसे ने कुल 49 लोगों की जान ले ली।
साल के अंतिम महीनों में भी देश को कई दुखद घटनाओं का सामना करना पड़ा। 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार धमाके में 15 लोग मारे गए और 30 से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए। दिसंबर में उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में यात्री बस खाई में गिर गई, जिसमें सात लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। 2025 ने हमें सिखाया कि सुरक्षा, सतर्कता और जिम्मेदारी कितनी जरूरी है। इस साल ने हमें शोक और दर्द का अनुभव कराया, लेकिन साथ ही यह याद दिलाया कि हर जीवन की कीमत सर्वोपरि है।
जैसे-जैसे हम 2026 में प्रवेश करने जा रहे हैं, देश की उम्मीदें और आकांक्षाएं यही हैं कि नया साल सुरक्षा, सतर्कता और विकास का प्रतीक बने। इस साल ने हमें यह सिखाया कि सिर्फ विकास ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इंसानी जीवन की सुरक्षा और सतर्कता सबसे अहम है।
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