
नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए साल 2025 कुछ खास नहीं रहा। इस साल भारतीय टीम का महिला हॉकी एशिया कप 2025 में प्रदर्शन थोड़ा अच्छा रहा, जहां टीम ने रजत पदक अपने नाम किया। हालांकि, एशिया कप फाइनल में चीन से 1-4 से हारकर वह अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए सीधे क्वालीफाई करने से चूक गई। इसके अलावा एफआईएच प्रो लीग में कमजोर प्रदर्शन के चलते टीम को नेशंस कप में उतरना पड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया दौरे की शुरुआत भारतीय महिला टीम ने साल की शुरुआत अप्रैल के अंत में ऑस्ट्रेलिया के पांच मैचों के दौरे से की, जहां उसे शीर्ष स्तर की टीम के खिलाफ बहुमूल्य अंतरराष्ट्रीय अनुभव मिला। हालांकि पर्थ में भारत का अभियान मिले-जुले नतीजों के साथ समाप्त हुआ। शुरुआती दो मैच 2-0 और 3-2 से हारने के बाद अंतिम मुकाबले में 1-0 से जीत हासिल की। भारतीय महिला हॉकी टीम ने दौरे पर कुल पांच मैच खेले और एक जीत और चार हार के साथ समाप्त किया। पहले दो मैच ऑस्ट्रेलिया ए के खिलाफ थे, जिनमें भारतीय टीम दोनों मैच हार गई। हालांकि नतीजों से इतर, यह दौरा टीम के लिए बेहद अहम रहा, क्योंकि इससे उभरती प्रतिभाओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को साबित करने का अवसर मिला।
प्रो लीग में निराशाजनक अभियानवैश्विक स्तर पर महिला एफआईएच हॉकी प्रो लीग 2024-25 भारतीय टीम के लिए कठिन साबित हुई। ऑस्ट्रेलिया, अर्जेंटीना, बेल्जियम और चीन जैसी मजबूत टीमों के खिलाफ खेलते हुए भारत को निरंतरता बनाए रखने में संघर्ष करना पड़ा। 16 मैचों में केवल दो जीत और 10 अंकों के साथ टीम तालिका में अंतिम स्थान पर रही। टीम को कुल 11 मुकाबलों में हार मिली, जिनमें अंतिम आठ मैचों की लगातार हार भी शामिल रही। इस कारण टीम को एफआईएच नेशंस कप में खिसकना पड़ा।
हालांकि, टीम ने कई मैचों में जुझारूपन और आक्रामक खेल का परिचय दिया, लेकिन रक्षात्मक चूक और निर्णायक मौकों पर गोल करने में विफलता भारी पड़ी। इसके बावजूद नीदरलैंड के खिलाफ पेनल्टी शूटआउट में मिली जीत, कई करीबी मुकाबले और युवा खिलाड़ियों का प्रभावशाली प्रदर्शन टीम की बढ़ती सामरिक समझ और फिटनेस को दर्शाता है। अब नेशंस कप को टीम एक अवसर के रूप में देख रही है, जहां पेनल्टी-कॉर्नर को गोल में बदलने और टीम की गहराई बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। लक्ष्य 2026-27 सत्र में एफआईएच प्रो लीग में वापसी का है।
एशिया कप में रजत पदक की चमकपेनल्टी-कॉर्नर विशेषज्ञ दीपिका और अनुभवी गोलकीपर सविता की अनुपस्थिति के बावजूद भारतीय टीम ने चीन में आयोजित महिला हॉकी एशिया कप 2025 में सराहनीय प्रदर्शन किया। ग्रुप चरण में प्रभावशाली जीत दर्ज करते हुए टीम फाइनल में पहुंची, जहां मेजबान चीन से कड़े मुकाबले में हार के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। इस पूरे अभियान में टीम की ऊर्जा, संतुलित संयोजन और सामूहिक प्रदर्शन देखने को मिला, जिसने एशियाई प्रतियोगिताओं में भारत की निरंतर मजबूत मौजूदगी को और पुख्ता किया।
भविष्य की ओर उम्मीद के साथ कदमहॉकी इंडिया के अनुसार, युवा खिलाड़ियों ने अनुभवी खिलाड़ियों के साथ बेहतरीन तालमेल बैठाया और उच्च दबाव वाले मुकाबलों से महत्वपूर्ण सीख हासिल की। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करीबी हारों से मिली सीख ने टीम की मानसिक मजबूती और निर्णायक क्षणों में बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता को निखारा है, जिसकी झलक एशिया कप में देखने को मिली। अब भारतीय महिला हॉकी टीम की नजरें एफआईएच नेशंस कप और विश्व कप क्वालीफायर पर टिकी हैं। प्रदर्शन में सुधार के लिए विश्लेषण-आधारित तैयारी, मजबूत रक्षा और खेल की गति बढ़ाने पर केंद्रित विशेष प्रशिक्षण शिविर लगाए जा रहे हैं।
कुल मिलाकर, 2025 भारतीय महिला हॉकी के लिए संघर्ष और सीख का वर्ष रहा, जो 2026 की चुनौतियों के लिए एक मजबूत और आत्मविश्वासी टीम के निर्माण की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है।















