
लखनऊ। वर्ष 2025 लखनऊ नगर निगम के लिए स्वच्छता, कचरा प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियों का वर्ष साबित हुआ। महापौर सुषमा खर्कवाल एवं नगर आयुक्त गौरव कुमार के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग और स्वच्छ भारत अभियान के तहत किए गए निरंतर प्रयासों का ही परिणाम है कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024–25 में लखनऊ ने पूरे देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसके साथ ही राजधानी ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए ‘जीरो नेट वेस्ट सिटी’ का दर्जा भी प्राप्त किया है।
जीरो नेट वेस्ट सिटी बना लखनऊ
महापौर सुषमा खर्कवाल ने बताया कि नगर निगम द्वारा शहर से रोजाना निकलने वाले कूड़े का उसी दिन संग्रह और पूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया गया। कूड़े के समयबद्ध प्रोसेसिंग और वैज्ञानिक प्रबंधन के चलते लखनऊ वर्ष 2025 में जीरो नेट वेस्ट सिटी बन गया है, जो स्वच्छ शहर की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
5.90 लाख मीट्रिक टन से अधिक कूड़े का उठान और निस्तारण
उन्हाेंने बताया कि नगर निगम की ओर से वर्ष 2025 में शहर से कुल 5,90,670.55 मीट्रिक टन कूड़े का संग्रह किया गया। इसमें से 5,90,209.14 मीट्रिक टन कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण किया गया। यह आंकड़ा नगर निगम की मजबूत स्वच्छता व्यवस्था और नियमित मॉनिटरिंग को दर्शाता है।
1200 इलेक्ट्रिक गाड़ियों से हो रहा कूड़ा उठान
उन्हाेंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने कूड़ा उठान के लिए बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाया। वर्तमान में शहर में लगभग 1200 इलेक्ट्रिक गाड़ियां कूड़ा संग्रहण में लगी हैं। ये गाड़ियां लखनऊ स्वच्छता अभियान एवं लायन एनवायरो लखनऊ कार्यदायी संस्थाओं द्वारा संचालित की जा रही हैं। इससे ईंधन की बचत के साथ-साथ प्रदूषण में भी कमी आई है।
14 पीसीटीएस-एफसीटीएस का निर्माण, अगले वर्ष 35 और बनेंगे
उन्हाेंने बताया कि इस वर्ष नगर निगम द्वारा 14 पीसीटीएस व एफसीटीएस का निर्माण कराया गया, जिससे कूड़ा ट्रांसफर और निस्तारण की व्यवस्था और अधिक व्यवस्थित हुई। वहीं 2026 में नगर निगम द्वारा 35 नए पीसीटीएस व एफसीटीएस के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है।
आरडीएफ से हुआ कचरे का बेहतर उपयोग
नगर निगम ने कचरे को संसाधन में बदलने की दिशा में भी अहम कदम उठाए। वर्ष 2025 में 1,65,906.61 मीट्रिक टन ताजा कूड़ा और 2,91,839.73 मीट्रिक टन पुराने कूड़े को रीसाइक्लिंग कर कुल 4,57,746.34 मीट्रिक टन आरडीएफ (Refuse-Derived Fuel) तैयार किया गया, जिसे आगे बिक्री के लिए भेजा गया। इससे न केवल कचरे का बोझ कम हुआ, बल्कि नगर निगम को आर्थिक लाभ भी प्राप्त हुआ।
निर्माण एवं विध्वंस कचरा प्रबंधन में भी नई पहल
उन्हाेंने बताया कि नगर निगम लखनऊ द्वारा ग्राम हरिवंश गढ़ी, तहसील मोहनलालगंज में 300 मीट्रिक टन क्षमता का वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया गया है। इस प्लांट के माध्यम से नगर से उत्पन्न निर्माण मलबे का वैज्ञानिक निस्तारण किया जा रहा है। यहां मलबे को पुनर्चक्रित कर इंटरलॉकिंग पेवर ब्लॉक्स, बाउंड्री वॉल पैनल, गमले, सॉलिड ब्लॉक, ईंटें, कर्ब स्टोन जैसे उपयोगी उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही नगर निगम सीमा अंतर्गत प्रत्येक जोन में C&D वेस्ट के लिए कुल 8 जोनल संग्रह केंद्र भी स्थापित किए गए हैं, जिससे मलबा इधर-उधर फेंके जाने की समस्या पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है।










