Banda : अंर्तविभागीय समन्वय को सुदृढ़ कर अधिक प्रभावशाली बनाने पर दिया जोर

  • कलक्ट्रेट सभागार में हुई किशोर न्याय एवं बाल संरक्षण कार्यशाला
  • बाल संरक्षण योजनाओं के प्रति अधिकारियों को किया जागरूक

Banda : किशोर न्याय अधिनियम प्रावधानों, योजनाओं, प्रक्रियाओं व विभिन्न विभागों की भूमिका के प्रति अधिकारियों को जागरूक करने तथा संवेदनशीलता से सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में अंर्तविभागीय समन्वय को सुदृढ़ कर अधिक प्रभावशाली बनाने पर जोर दिया। कहा कि किशोर न्याय एवं बाल संरक्षण से संबंधित प्रकरणों में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण है।
कलक्ट्रेट स्थित महर्षि वामदेव सभागार में डीआईजी राजेश एस. की अध्यक्षता में मंगलवार को एक दिवसीय किशोर न्याय एवं बाल संरक्षण कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में बाल संरक्षण से संबंधित विधिक प्रावधानों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित तथा संबंधित विभागों के मध्य समन्वय स्थापित कर संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाने के पर चर्चा हुई। कहा कि किशोर न्याय एवं बाल संरक्षण से संबंधित प्रकरणों में पुलिस की भूमिका महत्वपूर्ण।

सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को मानवीय, संवेदनशील व विधि-सम्मत कार्रवाई सुनिश्चित करने तथा किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रियाओं का अक्षरशः पालन करने तथा अंतर-विभागीय समन्वय को सुदृढ़ करने पर बल दिया।

किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 के अंतर्गत विधि के साथ संघर्षरत बालकों एवं देखरेख व संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रावधानों पर चर्चा की गई। विवेचकों की भूमिका, बालकों के हित में समयबद्ध कार्रवाई व प्रक्रिया संबंधी सावधानियों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही पुलिस, जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के आपसी समन्वय को और अधिक प्रभावशाली और क्रियाशील बनाने पर जोर दिया गया।

मिशन शक्ति केंद्र की अवधारणा व उद्देश्य, विशेष किशोर पुलिस इकाई की बैठक की रूपरेखा एवं आवश्यक प्रारूप तथा पॉक्सो अधिनियम-2012 के अंतर्गत महत्वपूर्ण प्रावधानों की जानकारी दी गई। गुमशुदा बच्चों के प्रकरणों में सूचना पंजीकरण, विवेचना व बरामदगी से संबंधित मानक संचालन प्रक्रिया और ऐसे प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बाल विवाह प्रतिषेध व इसके प्रभावी क्रियान्वयन को व्यवहारिक सुझावों पर जानकारी दी। कार्यशाला में उपस्थित पुलिस अधिकारियों व स्वयंसेवकों ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला समापन पर डीआईजी ने परिक्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में बाल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

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