देश में मेट्रो ने छुआ 1000 किमी का आंकड़ा, PMAY-U में 1.22 करोड़ घर मंजूर

नई दिल्ली। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने इस साल देश के शहरी इलाकों को सुरक्षित, सस्टेनेबल, समावेशी और आधुनिक बनाने में कई पील के पत्थर पार किए। मंत्रालय ने मेट्रो रेल विस्तार, इलेक्ट्रिक बस सेवा, स्वच्छता अभियान, गरीबों के लिए घर, स्ट्रीट वेंडर्स की मदद और पानी-सफाई की सुविधाओं में प्रगति की।

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के अनुसार देश में मेट्रो रेल नेटवर्क ने पहली बार 1000 किलोमीटर का आंकड़ा पार कर लिया जो अब कुल 1090 किलोमीटर हो गया है। पहले सिर्फ 23 शहरों में मेट्रो चलती थी, अब 26 शहरों तक पहुंच गई। मंत्रालय ने जनवरी से नवंबर तक 84.57 किलोमीटर नई मेट्रो लाइनों के लिए 25,932 करोड़ रुपये मंजूर किए। इसी दौरान करीब 86 किलोमीटर नई लाइनें शुरू भी हो गईं। भोपाल में पहली बार मेट्रो की ऑरेंज लाइन शुरू हुई, जिसमें 7 किलोमीटर और 8 स्टेशन हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर मेट्रो के एक हिस्से और बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन किया। इससे लाखों लोगों का रोज का सफर आसान हो गया।

इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने के लिए पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत इस साल 3622 नई बसों को खरीदने की मंजूरी दी गई। केद्र सरकार ने डिपो और चार्जिंग जैसी सुविधाओं के लिए 60.73 करोड़ रुपये दिए। 44 शहरों में 52 डिपो का निर्माण शुरू हो चुका है और 33 शहरों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का काम चल रहा है। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने नवंबर में दिल्ली में हुए अर्बन मोबिलिटी इंडिया सम्मेलन के आखिरी दिन योजना का नया लोगो और वेबसाइट लॉन्च किया। छोटे शहरों को भी योजना में शामिल करने के लिए नियम बदले गए, ताकि 3 से 40 लाख आबादी वाले क्लस्टर भी फायदा उठा सकें।

साल 2025 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता ही सेवा अभियान में पूरे देश से 18.54 करोड़ लोग सफाई अभियान में शामिल हुए। 16 लाख से ज्यादा गंदे कोने-कोने साफ किए गए। 5.75 लाख सार्वजनिक जगहों की सफाई हुई। त्योहारों को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए लाखों पंडाल इको-फ्रेंडली बने, स्वच्छता रंगोली बनीं और सफाई मुहिम चली। मंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के भलस्वा डंपसाइट से अभियान शुरू किया और उसे गोद भी लिया।

इस साल कचरा डंप करने की पुरानी जगहों को साफ करने के लिए डंपसाइट रेमेडिएशन एक्सेलेरेटर प्रोग्राम शुरू किया गया। इसका लक्ष्य है कि 2026 तक कोई डंपसाइट न बचे। अभी 1428 जगहों पर काम चल रहा है और 214 बड़े डंपसाइट्स पर खास ध्यान दिया जा रहा है। मार्च में जयपुर में एशिया-पैसिफिक के देशों का 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम हुआ, जहां जयपुर घोषणा-पत्र अपनाया गया। शहरों में कचरे को दोबारा इस्तेमाल करने की दिशा में यह बड़ा कदम था।

साल 2025 में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (शहरी) 2.0 के तहत इस साल पूरे देश में कुल 1.22 करोड़ घर मंजूर किए जा चुके हैं और 1.14 करोड़ पर काम शुरू हो गया है। आखिरी लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए सितंबर-अक्टूबर में अंगीकार 2025 अभियान चलाया गया। रियल एस्टेट में पारदर्शिता लाने के लिए एक ही रेरा पोर्टल शुरू किया गया, जहां पूरे देश की जानकारी एक जगह मिलेगी।

स्ट्रीट वेंडर्स की मदद के लिए पीएम स्वनिधि योजना को 2030 तक बढ़ा दिया गया। इससे 70 लाख से ज्यादा ठेले-पटरी वालों को फायदा होगा। इस साल इस योजना के तहत एक करोड़ से ज्यादा लोगों को ऋण दिया गया, जिनकी कुल राशि 15 हजार करोड़ रुपये से ऊपर है। 48 लाख वेंडर्स डिजिटल हो चुके हैं और उन्होंने 658 करोड़ यूपीआई पेमेंट किए। लोन की राशि बढ़ाकर पहला 15 हजार, दूसरा 25 हजार और तीसरा 50 हजार रुपये कर दिया गया।

पानी और सीवर की सुविधा बढ़ाने वाली अमृत 2.0 योजना में भी उस साल अच्छी प्रगति हुई। मंत्रालय ने बताया कि इस साल 33 लाख नए नल कनेक्शन और 20 लाख सीवर कनेक्शन दिए गए। 33,287 करोड़ के प्रोजेक्ट्स शुरू हुए और 12,538 करोड़ के पूरे हो गए। रोज 6000 मिलियन लीटर ट्रीटेड पानी का दोबारा इस्तेमाल हो रहा है। 28 हजार से ज्यादा महिलाओं की स्वयं सहायता समूहों को पानी के रखरखाव और बिलिंग में जोड़ा गया। 7480 एकड़ जलाशयों को फिर से जीवित किया गया और 2704 एकड़ नई हरी जगहें बनाई गईं।

प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त में कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-3 और 184 सांसद फ्लैट्स का उद्घाटन किया। जनवरी में दिल्ली में सेंट्रल आयुर्वेद रिसर्च इंस्टीट्यूट की नींव भी रखी गई।

इस साल नवंबर में दिल्ली के यशोभूमि में दो दिन का नेशनल अर्बन कॉन्क्लेव हुआ, जिसमें 2500 से ज्यादा लोग शामिल हुए। वहां डंपसाइट प्रोग्राम, अर्बन इन्वेस्ट विंडो और जल संरक्षण का गीत जल ही जननी लॉन्च किया गया। अक्टूबर में वर्ल्ड हैबिटेट डे मनाया गया, जहां शहरों को मजबूत और समावेशी बनाने पर चर्चा हुई।

मंत्रालय ने बेंगलुरु, हैदराबाद और भोपाल में क्षेत्रीय बैठकों का आयोजन किया। मंत्री मनोहर लाल ने ओडिशा, राजस्थान, कर्नाटक, गोवा और जम्मू-कश्मीर समेत कई राज्यों का दौरा कर वहां की योजनाओं की समीक्षा की।

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