
Agra : अरावली की पहाड़ियों पर लंबे समय से चल रहे अवैध खनन का काला सच आखिर सामने आ ही गया। प्रशासनिक टीम जब मौके पर पहुंची तो नज़ारा चौंकाने वाला था जहां कभी ऊंचे-ऊंचे पहाड़ खड़े थे, वहां अब सिर्फ गहरे गड्ढे और उजड़ी हुई धरती दिखाई दी। खनन में लगे मजदूर और कर्मचारी अफसरों को देखते ही मशीनें छोड़कर भाग खड़े हुए।
निरीक्षण के दौरान खुली हकीकत
अवैध खनन की मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद सोमवार को एडीएम वित्त शुभांगी शुक्ला अधिकारी दल के साथ खेरागढ़ तहसील के गांव कुल्हाड़ा पहुंचीं। उन्होंने करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर क्षेत्र का निरीक्षण किया। इस दौरान कई ऐसे पहाड़ मिले जो खनन के कारण पूरी तरह से खत्म हो चुके थे। राजस्थान सीमा के अंदर कई क्रेशर चलते मिले और खदानों में मशीनरी भी मिली, जिन्हें देखकर मजदूर भाग निकले।
राजस्थान–यूपी सीमा पर खनन का जाल
कुल्हाड़ा (उत्तर प्रदेश) और मैरथा (राजस्थान) गांव की सीमा आमने-सामने लगती है। जांच के दौरान टीम को सीमा चिन्ह (मुड्डियां) तो मिले, लेकिन उनके आसपास की पहाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त पाई गई। पहाड़ काटने के बाद गहरे गड्ढों में पानी भर गया है। राजस्थान की ओर पहाड़ियों का बड़ा हिस्सा खनन कर समतल कर दिया गया, जबकि यूपी सीमा में विस्फोट या बड़े खनन के निशान नहीं मिले।
एडीएम ने कहा कि राजस्थान प्रशासन को पत्र लिखकर पूरी स्थिति से अवगत कराया जाएगा और अरावली की सुरक्षा के लिए सख्त कार्रवाई करने को कहा जाएगा। साथ ही यूपी क्षेत्र में निगरानी कड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं। हर माह ड्रोन सर्वे, पुलिस गश्त और पटवारी स्तर पर लगातार मॉनिटरिंग का आदेश दिया गया है।
ग्वाल बाबा मंदिर पर मंडराता खतरा
कुल्हाड़ा गांव की पहाड़ी चोटी पर स्थित ग्वाल बाबा मंदिर भी खतरे में आ गया है। स्थानीय लोगों के अनुसार पहले यहां तक आसान रास्ता था, लेकिन खनन के कारण अब गहरी खाई बन गई है और लोगों को राजस्थान की ओर से होकर मंदिर जाना पड़ता है। वर्ष 2016 में खनन माफियाओं ने प्राचीन मंदिर को नुकसान पहुंचाया था, जिसके बाद विरोध हुआ और नया छोटा मंदिर बनवाया गया। आज भी दोबारा पैमाइश और सुरक्षा व्यवस्था की मांग जारी है।
बारूद के धमाकों से दरक रहे मकान
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि राजस्थान की ओर खनन माफिया पहाड़ तोड़ने के लिए बारूद से बड़े धमाके करते हैं। इन धमाकों का असर यूपी के कुल्हाड़ा गांव तक महसूस होता है। कई मकानों में दरारें पड़ गईं, कई जगह छत तक गिर चुकी है। रात भर चलने वाली क्रेशर मशीनें ग्रामीणों के जीवन में भय और शोर दोनों भर रही हैं। सैकड़ों ट्रक और ट्रैक्टरों के जरिए यहां से पत्थर और गिट्टी राजस्थान व यूपी के कई शहरों तक सप्लाई की जा रही है।
प्रशासन ने दिया सख्त संदेश
निरीक्षण के दौरान एसडीएम ऋषि राव, एसीपी प्रीता सिंह और खेरागढ़ थानाध्यक्ष भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने साफ कहा है कि अवैध खनन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ जल्द बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं।
अरावली सिर्फ पहाड़ नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत के पर्यावरण की ढाल है। लेकिन लगातार जारी अवैध खनन न केवल प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि मानव बस्तियों, धार्मिक धरोहर और स्थायी संतुलन के लिए भी गंभीर खतरा बनता जा रहा है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि कार्रवाई कितनी कड़ी और कितनी प्रभावी होती है।










