
चंडीगढ़। पंजाब में मनरेगा संशोधन बिल को लेकर सियासत गर्मा गई है। इस मामले पर सरकार ने आज पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले चार साहिबजादों की शहादत को नमन किया गया।
इस सत्र में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मजदूरों से भरे गए पत्रों के बंडल लेकर विधानसभा पहुंचे। विभिन्न क्षेत्रों से आए मजदूरों को भी सदन में बुलाया गया, ताकि मनरेगा के खिलाफ उनके पत्र और शिकायतें सदन में रखी जा सकें। प्रदेश में बड़ी संख्या में मजदूरों से इस योजना के खिलाफ पत्र भरवाए गए हैं।
वहीं, पंजाब भाजपा ने मनरेगा योजना में फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि केंद्र की मंशा मजदूरों के हित में है, लेकिन पंजाब सरकार ने योजना के प्रति अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई। उन्होंने आरोप लगाया कि आप सरकार मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े को छिपाने के लिए अनिवार्य सोशल ऑडिट तक नहीं करवा रही है। वर्ष 2024-25 में 6,095 ग्राम पंचायतों और 2025-26 में 7,389 ग्राम पंचायतों का सोशल ऑडिट नहीं कराया गया।
भाजपा ने यह भी कहा कि सरकार मनरेगा मजदूरों को गुमराह कर उनसे इस कानून के विरोध में जबरन और धोखे से हस्ताक्षर करवा रही है। मौजूदा मनरेगा कानून के तहत भी पिछले तीन वर्षों में सरकार मजदूरों को 100 दिन का रोजगार देने में पूरी तरह विफल रही है।
शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि स्पेशल ऑडिट यूनिट द्वारा पकड़े गए 3,986 भ्रष्टाचार के मामलों में पंजाब सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, लोकपाल द्वारा जांच के बाद दिए गए 2 करोड़ 35 लाख रुपये की रिकवरी के आदेशों को भी अब तक लागू नहीं किया गया।
नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां को पत्र लिखकर विशेष सत्र के बजाय पूरा शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग की है, ताकि मनरेगा के अलावा अन्य मसलों पर भी व्यापक चर्चा हो सके।












