Lakhimpur Kheri : अधिवक्ता पर जानलेवा हमले के विरोध में गोला तहसील के वकीलों का कड़ा फैसला

  • मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी तक सामूहिक अवकाश, न्यायिक कार्य ठप

Lakhimpur Kheri : गोला तहसील में अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता और आक्रोश का माहौल है। 26 दिसंबर 2025 को अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला पर हुए प्राणघातक हमले के विरोध में सेंट्रल बार एसोसिएशन तहसील गोला गोकर्णनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए न्यायिक व्यवस्था को लेकर बड़ा निर्णय लिया है।

दिनांक 30 दिसंबर 2025 को सेंट्रल बार एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष के.के. शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में अधिवक्ता अशोक कुमार शुक्ला पर हुए जानलेवा हमले की कड़े शब्दों में निंदा की गई। अधिवक्ताओं ने इसे व्यक्तिगत घटना न मानते हुए पूरे अधिवक्ता समाज और न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला करार दिया।

बैठक में मौजूद अधिवक्ताओं ने कहा कि जब कानून के रखवाले ही असुरक्षित हैं, तो आम नागरिकों को न्याय कैसे मिलेगा। इस मुद्दे पर विस्तृत विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जब तक इस मामले के मुख्य अभियुक्त रवि गुप्ता उर्फ मोंटी की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, तब तक गोला तहसील के सभी अधिवक्ता सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और किसी भी प्रकार के न्यायिक कार्य में भाग नहीं लेंगे।

अधिवक्ताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अब केवल आश्वासनों से काम नहीं चलेगा। यदि शीघ्र गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और पुलिस की होगी। साथ ही चेतावनी दी गई कि यदि अधिवक्ताओं की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो संघर्ष लंबा चलेगा।

बैठक में उपाध्यक्ष मो. तारिक इस्लाम, महामंत्री अनूप वर्मा, संयुक्त मंत्री सुमित गिरी, कोषाध्यक्ष अमित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में दोषियों के विरुद्ध त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की।

सेंट्रल बार एसोसिएशन की ओर से इस निर्णय की औपचारिक सूचना उप जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी (न्यायिक), तहसीलदार, तहसीलदार (न्यायिक), नायब तहसीलदार, नायब तहसीलदार भूड़ तथा चकबंदी अधिकारी गोला को भेज दी गई है, ताकि न्यायिक अधिकारियों को अधिवक्ताओं के निर्णय से अवगत कराया जा सके।

घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी न होना स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है। अधिवक्ता संघ ने दो टूक कहा है कि जब तक दोषी सलाखों के पीछे नहीं जाएगा, तब तक न्यायिक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। यह आंदोलन केवल एक अधिवक्ता के लिए नहीं, बल्कि पूरे अधिवक्ता समाज की सुरक्षा और सम्मान के लिए है।

मामले से संबंधित जानकारी के लिए जब गोला कोतवाली के सीयूजी नंबर पर फोन लगाया गया तो क्राइम इंस्पेक्टर ने फोन उठाकर बताया कि मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है और कार्रवाई की जा रही है।

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