दान में नया कीर्तिमान : 2025 में बाबा महाकाल को मिले 1 अरब से ज्यादा रुपये

उज्जैन : विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग श्री महाकालेश्वर मंदिर वर्ष 2025 में भी देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बना रहा। मंदिर समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 1 जनवरी 2025 से 15 दिसंबर 2025 तक करीब 5.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। इस दौरान मंदिर को 1 अरब रुपये से अधिक का दान प्राप्त हुआ, जो बीते वर्ष की तुलना में काफी अधिक है।

मंदिर समिति के मुताबिक वर्ष 2025 में अब तक कुल 107 करोड़ 93 लाख रुपये की आय दान पेटियों, शीघ्र दर्शन व्यवस्था और आभूषणों के माध्यम से हुई है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने करीब 13 करोड़ रुपये मूल्य का सोना-चांदी भी भेंट स्वरूप अर्पित किया। पिछले वर्ष 2024 में मंदिर को लगभग 92 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ था, जबकि इस बार दान राशि में करीब 15 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

मंदिर समिति अध्यक्ष एवं कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2025 में सावन माह के दौरान ही लगभग 30 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ। जबकि पिछले वर्ष सावन में यह आंकड़ा करीब 21-22 करोड़ रुपये था। इससे स्पष्ट है कि हर साल श्रद्धालुओं की संख्या और दान दोनों में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि यह दान राशि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और सुगम दर्शन व्यवस्था को बेहतर बनाने में उपयोग की जाती है।

मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने जानकारी दी कि बीते 11 महीने 15 दिनों में मंदिर को 1483.621 ग्राम सोना और 592.366 किलो चांदी प्राप्त हुई है। सोने की मात्रा पिछले वर्ष के मुकाबले थोड़ी कम रही, लेकिन चांदी का दान इस बार कहीं अधिक रहा है। वर्ष 2024 में जहां 399 किलो चांदी मिली थी, वहीं 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 592 किलो से अधिक पहुंच गया।

आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025 में

  • दान पेटियों से 43 करोड़ 43 लाख रुपये,
  • शीघ्र दर्शन टिकट से 64 करोड़ 50 लाख रुपये,
  • तथा 13 करोड़ रुपये से अधिक के आभूषण प्राप्त हुए हैं।
    वर्ष समाप्त होने में अभी दो दिन शेष हैं, ऐसे में दान राशि के और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

महाकाल महालोक के निर्माण और अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पण के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पहले जहां रोजाना 35 से 40 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे, वहीं अब यह संख्या 80 हजार से एक लाख प्रतिदिन तक पहुंच गई है। श्रावण सोमवार और महाशिवरात्रि जैसे पर्वों पर यह आंकड़ा दो लाख से अधिक हो जाता है।

मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया कि घोषित दान राशि में दान पेटी, शीघ्र दर्शन, लड्डू प्रसादी, नगद एवं आभूषण को शामिल किया गया है, जबकि भस्म आरती बुकिंग, अभिषेक पूजन, अन्न क्षेत्र, धर्मशाला, फोटोग्राफी शुल्क और उज्जैन दर्शन बस सेवा से होने वाली आय इसमें शामिल नहीं है।

कुल मिलाकर वर्ष 2025 में श्री महाकालेश्वर मंदिर आस्था, श्रद्धालुओं की संख्या और दान — तीनों ही दृष्टि से नए कीर्तिमान स्थापित करता नजर आ रहा है।

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