
चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के गुम हुए स्वरूपों के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एसजीपीसी पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त को ढाल बनाकर एसजीपीसी मनमानी कर रही है। संगत और सिख जत्थेबंदियां जानना चाहती हैं कि गुम हुए स्वरूप कहां गए हैं। इस मामले की जांच के लिए सरकार ने सीआईटी का गठन किया है, लेकिन एसजीपीसी सहयोग नहीं कर रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि साल 2020 में एसजीपीसी द्वारा पारित कुछ प्रस्तावों में यह कहा गया था कि स्वरूप गुम होने की स्थिति में दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। अब एसजीपीसी ने नया प्रस्ताव पारित कर इसे रद्द कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि एसजीपीसी के चुनाव 14 साल से नहीं हुए हैं और इस पर कोई जवाब नहीं दे रहा।
सीएम भगवंत मान ने एसआईटी को अपना काम करने की अनुमति देने की मांग की और कहा कि संगत सच जानना चाहती है। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर भी हमला बोलते हुए कहा कि यह कभी शेर लोगों की पार्टी हुआ करती थी, आज यह छिपकली सरीखी लोगों की पार्टी बनकर रह गई है।















