Moradabad : रेलवे की बुलडोजर कार्रवाई से बस स्टैंड क्षेत्र में तनाव, दुकानदारों का जोरदार विरोध

Moradabad : मुरादाबाद के व्यस्ततम बस स्टैंड क्षेत्र में रेलवे प्रशासन द्वारा की जा रही बुलडोजर कार्रवाई ने शहर का माहौल गरमा दिया है। दशकों से संचालित दुकानों को खाली कराने के लिए रेलवे की ओर से अचानक शुरू की गई कार्रवाई से सैकड़ों दुकानदार सड़क पर उतर आए हैं। रेलवे के इस कदम से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है और व्यापारियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।

बताया जा रहा है कि जिन दुकानों पर कार्रवाई की जा रही है, वे 1972 से लगातार संचालित हो रही हैं। इन दुकानों के माध्यम से हजारों परिवारों की रोज़ी-रोटी चल रही है। दुकानदारों का कहना है कि यह सिर्फ कुछ दुकानों का मामला नहीं बल्कि करीब 25 हजार परिवारों के रोजगार से जुड़ा मुद्दा है। ऐसे में बिना किसी वैकल्पिक व्यवस्था के दुकानों को तोड़ा जाना बेहद अमानवीय है।

रेलवे की कार्रवाई के विरोध में दुकानदारों ने बस स्टैंड क्षेत्र में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान रेलवे प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई और बुलडोजर कार्रवाई तत्काल रोकने की मांग उठाई गई। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि रेलवे के डीआरएम द्वारा तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है और उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।

दुकानदारों का कहना है कि वर्ष 2002 में जब यह जमीन नॉर्थ रेलवे के अधीन आई थी, तब किराया विधिवत तय किया गया था। तभी से व्यापारी लगातार किराया जमा करते आ रहे हैं। इसके बावजूद अब अचानक उन्हें अतिक्रमणकारी बताकर हटाया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत और अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कई बार जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर ज्ञापन भी सौंपा, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

व्यापारी यह भी कहते हैं कि यदि रेलवे प्रशासन किराया बढ़ाना या पुराने बकाया पर ब्याज लगाना चाहता है, तो वे इसके लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी दुकानों को नहीं तोड़ा जाए। उन्होंने सरकार की पुनर्वास नीति का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति या व्यापारी को उजाड़ने से पहले उसे वैकल्पिक स्थान पर पुनर्वास दिया जाना अनिवार्य है। इस मामले में न तो कोई पुनर्वास योजना सामने आई है और न ही किसी प्रकार की लिखित सूचना दी गई है।

दुकानदारों का कहना है कि मामला फिलहाल न्यायालय में विचाराधीन है, फिर भी रेलवे प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है, जिससे हालात और तनावपूर्ण बन रहे हैं। दुकानदारों ने इसे अदालत की अवमानना बताया और कार्रवाई तुरंत रोकने की मांग की।

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। रेलवे के उच्च अधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट, अपर नगर आयुक्त अजीत सिंह और आला अधिकारी भी भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर मौजूद हैं। दुकानदारों ने चेतावनी दी है कि यदि रेलवे प्रशासन ने कार्रवाई नहीं रोकी और पुनर्वास को लेकर कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

पूरा बस स्टैंड क्षेत्र फिलहाल दहशत और अनिश्चितता के माहौल में है। प्रशासन और रेलवे के रुख पर अब सभी की नजरें टिकी हैं।

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