मिल गया ईरानी नस्ल का बेशकीमती सफेद घोड़ा, चोर ने डेढ़ लाख में दिया था बेच, कहा- पहले मैं मालिक के घर काम करता था

Lucknow : लखनऊ में एक बेहद खास और बेशकीमती घोड़े की चोरी ने पुलिस से लेकर आम लोगों तक को बेचैन कर दिया था। यह कोई साधारण घोड़ा नहीं, बल्कि शिया समुदाय की धार्मिक आस्था से जुड़ा ईरानी नस्ल का ज़ुल्जना (दुलदुल) घोड़ा था, जिसके चोरी होने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया था। राहत की बात यह है कि पुलिस ने घोड़े को सही सलामत बरामद कर लिया है और आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है।

यह चोरी की घटना लखनऊ के तालकटोरा थाना क्षेत्र स्थित कर्बला परिसर से सामने आई थी। घोड़े के गायब होने की खबर मिलते ही स्थानीय लोगों और धार्मिक संगठनों में भारी रोष फैल गया। घोड़ा ढूंढने वाले के लिए इनाम की घोषणा भी की गई थी। ज़ुल्जना घोड़ा लंबे समय से कर्बला में रखा गया था और धार्मिक आयोजनों में उसकी विशेष भूमिका रहती थी। इसकी धार्मिक आस्था के साथ-साथ आर्थिक कीमत भी काफी अधिक थी।

मामले की सूचना मिलते ही तालकटोरा पुलिस ने जांच शुरू की और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। जांच में सामने आया कि चोरी की पूरी वारदात कैमरे में कैद हो गई थी, जिसमें एक व्यक्ति घोड़े को ले जाते हुए नजर आया। इसके आधार पर पुलिस आरोपी तक पहुंची।

जानकारी के अनुसार, ईरानी नस्ल का यह घोड़ा करीब डेढ़ साल पहले उत्तराखंड से लाया गया था और उस समय इसकी कीमत करीब 4.5 लाख रुपये बताई गई थी। पुलिस ने घोड़े को उन्नाव के मौरांवा गांव से सुरक्षित बरामद कर लिया है। वहीं, आरोपी सलमान उर्फ छोटू को भी हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले घोड़े के मालिक के यहां काम करता था और उसकी देखभाल करता था। उसे घोड़े की कीमत का अंदाजा था, इसलिए उसने चोरी कर उसे डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया।

घोड़े की चोरी से शिया समुदाय में गहरा दुख था। सैयद फैजी के मुताबिक, 24 दिसंबर को घोड़ा गायब होने के बाद से करीब पांच लाख शिया समुदाय के लोग गमगीन थे और मस्जिदों में उसकी सलामती के लिए दुआएं की जा रही थीं। करीब पांच दिन बाद घोड़े की सुरक्षित बरामदगी से लोगों ने राहत की सांस ली। ज़ुल्जना घोड़े को पूरी सुरक्षा के साथ उन्नाव से वापस लखनऊ के तालकटोरा कर्बला लाया गया और उसी विशेष अस्तबल में रखा गया है, जो उसके लिए तैयार किया गया था।

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