
Unnao : उन्नाव रेप केस में सजायाफ्ता पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में राहत दी थी। हाईकोर्ट ने उनकी आजीवन कारावास की सजा को निलंबित कर दिया और उन्हें जमानत पर रिहा किया। इस फैसले के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, और आज इस मामले में सुनवाई हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अवकाश कालीन बेंच के द्वारा की जाएगी, जिसकी अगुवाई मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत कर रहे हैं। इस बेंच में जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल हैं।
सीबीआई की याचिका का उद्देश्य हाईकोर्ट द्वारा सेंगर को मिली राहत को चुनौती देना है। अगर सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लेती है, तो सेंगर की जमानत रद्द हो सकती है और उन्हें फिर से जेल जाना पड़ सकता है। वहीं, यदि सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखती है, तो कुलदीप सेंगर को राहत मिल सकती है और वे जमानत पर रहेंगे।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा पेश किए गए तर्कों में हाईकोर्ट की जमानत को चुनौती देने वाले कारण, मामले की संवेदनशीलता और पीड़ित पक्ष की सुरक्षा प्रमुख होंगे।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले, सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और मामले की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
टॉप अपडेट्स:
- दिल्ली हाईकोर्ट ने कुलदीप सेंगर की आजीवन सजा निलंबित की थी।
- हाईकोर्ट ने सेंगर को जमानत पर रिहा किया।
- सीबीआई ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
- सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की अवकाश कालीन बेंच करेगी, अगुवाई CJI जस्टिस सूर्यकांत की है।
- बेंच में जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं।
- सुनवाई के नतीजे से सेंगर की जेल वापसी या जमानत पर राहत तय होगी।











