
सहरसा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में स्वयंसेवकों द्वारा घर-घर जाकर व्यापक गृह संपर्क अभियान चलाया गया।
इस अवसर पर संघ के स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर संघ की स्थापना काल से लेकर विगत सौ वर्षों के दौरान होने वाले उतार चढ़ाव पत्रक में अंकित किया गया है।
संपर्क अभियान के दौरान संघ की पुस्तक भी सशुल्क लोगों को दी गई।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर प्रमुख रंजीत दास एवं प्रदेश अधिकारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना डॉक्टर हेडगेवार द्वारा नागपुर के मोहिते बाडा में स्थान पर 1925 ईस्वी में विजयादशमी के दिन शुरुआत हुई थी। डॉक्टर हेडगेवार गुलामी के कालखंड में देश के पहले एमबीबीएस डॉक्टर बने। साथ ही अंग्रेजों के खिलाफ कई आंदोलन में सहभागी बने जिसके कारण उन्हें जेल यात्रा भी करनी पड़ी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि गुलामी के कारणों का विश्लेषण करते हुए उसकी कमियों को दूर करने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की।
अपने स्थापना काल में ही डॉक्टर हेडगेवार ने कहा कि विगत 1000 साल से हिंदू समाज गुलामी की पीड़ा को झेल रहा है। जिसका एकमात्र कारण है हिंदुओं का कोई संगठन ना होना बल्कि जाति पाति में बट कर कमजोर थे। उन्होंने आरएसएस की स्थापना करते हुए कहा कि आने वाले 100 वर्षों में संघ भारत ही नहीं पूरे विश्व का नेतृत्व प्रदान करेगा। उनकी भविष्यवाणी आज सत्य साबित हो रही है। श्री दास ने कहा कि संघ द्वारा शताब्दी वर्ष में पांच परिवर्तन का लक्ष्य रखा है जिसके अंतर्गत कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, हिंदू सम्मेलन जैसे कार्यक्रम को वर्ष भर चलने का निर्णय लिया गया है।















