
Rishikesh : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी विनय त्यागी की मौत शनिवार को ऋषिकेश एम्स में हो गई। हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी को चार दिन पहले लक्सर में पुलिस अभिरक्षा के दौरान अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद उसे तुरंत हायर सेंटर ऋषिकेश एम्स लाया गया, लेकिन शनिवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। विनय त्यागी ऐसा नाम था जिसकी चर्चा उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में होती रही है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी विनय त्यागी ने मात्र 16 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा था और इसके बाद उसका वर्चस्व और नाम लगातार बढ़ता चला गया। गैंगस्टर विनय त्यागी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली और उत्तराखंड में लगभग 57 से अधिक मुकदमों की लंबी फहरिस्त है। विनय त्यागी पर अपहरण, हत्या समेत कई संगीन धाराओं में मुकदमे तीनों राज्यों में दर्ज हैं। अब समझिए कि आखिर उसकी मौत के पीछे वजह क्या है यह आरोप उसकी बेटी और बहन ने लगाए हैं।
शुक्रवार को ऋषिकेश में विनय त्यागी की बहन सीमा त्यागी ने आरोप लगाया कि उनके भाई को साजिश के तहत फंसाया गया। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह पूरा मामला करीब 750 करोड़ रुपये से जुड़ा है और इसके पीछे ठेकेदार सुभाष त्यागी की साजिश है। सीमा त्यागी ने कहा कि इस मामले के बाद से पूरे परिवार को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।

सीमा त्यागी ने कहा कि ठेकेदार सुभाष त्यागी ने ईडी से बचने के लिए सारा पैसा डॉ. प्रमोद त्यागी के यहां रखा था और यह बात डॉ. प्रमोद ने विनय त्यागी को भी बताई थी। डॉ. प्रमोद और विनय त्यागी ने यह प्लान बनाया था कि यह सारा पैसा ईडी को सौंप दिया जाए। सीमा त्यागी ने बताया कि चुनाव के दौरान सुभाष त्यागी ने विनय त्यागी को राजनीतिक और अन्य तरीकों से काफी परेशान किया था।
गौरतलब है कि हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में 24 दिसंबर को विनय त्यागी को कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। पुलिस का कहना है कि इस दौरान अज्ञात बदमाशों ने हमला किया। मेरठ के हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी को कई गोलियां लगीं और एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराने के चार दिन बाद उसकी मौत हो गई।
वेस्ट यूपी के कुख्यात बदमाश विनय त्यागी पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, लूट और डकैती समेत 64 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से 38 मुकदमे अभी विचाराधीन हैं। 30 सितंबर को विनय त्यागी को देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने से चोरी के एक केस में जेल भेजा गया था। विनय त्यागी जागृति विहार मेरठ में रहता था, जबकि मूल रूप से वह मुजफ्फरनगर के पुरकाजी थाना क्षेत्र के खाईखेड़ी गांव का निवासी था।
गैंगस्टर विनय त्यागी की बहन सीमा त्यागी ने बड़ा आरोप लगाया कि देहरादून जेल में बंद होने के बाद यह साजिश रची गई कि किसी का नाम न आए, इसलिए विनय त्यागी को मरवा दिया जाए। उन्होंने कहा कि विनय त्यागी की पत्नी निष्ठि त्यागी के नाम से एक झूठी एप्लीकेशन देहरादून जेल में दी गई और कहा गया कि हम देहरादून नहीं आ सकते, इसलिए उसे रुड़की जेल भेज दिया जाए। जब फोन पर पत्नी से पूछा गया तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया कि उन्होंने कोई एप्लीकेशन दी है।
वहीं अपने पिता के साथ मौजूद विनय त्यागी की बेटी तन्वी त्यागी ने भी दबाव बनाने के आरोप लगाए। तन्वी का कहना है कि अस्पताल में इस मामले से जुड़े लोगों पर दबाव बनाया जा रहा था और विनय त्यागी की हालत को लेकर परिजनों को सही जानकारी नहीं दी जा रही थी। तन्वी ने बताया कि जब वह अपने पिता से मिलने अस्पताल के अंदर गई तो उसे पहले मिलने नहीं दिया गया। गांव के लोगों के विरोध के बाद उसे अंदर जाने दिया गया। वहां पिता से पूछने पर उन्होंने साफ कहा कि “यह सब सुभाष त्यागी ने करवाया है।”
अब गैंगस्टर विनय त्यागी पर हुए हमले और उसकी बहन व बेटी द्वारा लगाए गए आरोप कई सवाल खड़े करते हैं क्या वास्तव में 750 करोड़ रुपये की संदिग्ध रकम और बेनामी संपत्ति इसकी वजह है? क्या ठेकेदार सुभाष त्यागी और डॉ. प्रमोद त्यागी का इस मामले से जुड़ाव है? क्या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक साजिश भी है? इन सभी सवालों के जवाब जांच के बाद ही सामने
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