
Lucknow : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आयोजित ‘पुलिस मंथन वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन 2025’ में उत्तर प्रदेश पुलिस को स्पष्ट संदेश दिया कि बेहतर कानून-व्यवस्था केवल दफ्तरों में बैठकर नहीं, बल्कि जनता से सीधा संवाद स्थापित करके ही सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने सिपाही से लेकर जोनल स्तर के अफसरों तक सभी को निर्देश दिया कि वे जनता, जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों और धार्मिक व सामाजिक वर्गों से लगातार संपर्क बनाए रखें, उनके फोन रिसीव करें और समस्याओं का तत्पर समाधान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते आठ वर्षों में प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप जनता का विश्वास बढ़ा है और यूपी की छवि राष्ट्रीय स्तर पर बदली है। उन्होंने कहा कि यदि पहले की तरह दंगे, कर्फ्यू और असुरक्षा का माहौल रहता तो आज निवेश, रोजगार और विकास की परिस्थितियाँ संभव नहीं होतीं। “हमने कानून के दायरे में रहकर व्यवस्था बदली, इसी कारण आज लोग यूपी पर भरोसा कर रहे हैं,” सीएम योगी ने कहा।
- निवेश और विकास का केंद्र बन रहा यूपी
- योगी आदित्यनाथ ने बताया कि आज यूपी देश का विकास इंजन बनता जा रहा है।
- देश के 55% एक्सप्रेसवे यूपी में तैयार हुए
- मजबूत रेल नेटवर्क और एयर कनेक्टिविटी ने उद्योग और व्यापार को नई गति दी
बेहतर कानून-व्यवस्था के कारण निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए तत्पर हैं
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने पिछले आठ वर्षों में किसी की जाति, धर्म या चेहरा देखकर योजनाओं का लाभ नहीं दिया, बल्कि सभी को समान अवसर मिले। लेकिन जो भी कानून तोड़ता है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई और आगे भी जारी रहेगी।
‘मुख्यालय से नहीं, मैदान से बनेगी बेहतर पुलिसिंग’
मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए
- रूटीन बैठकों से आगे बढ़कर सीधा ग्राउंड लेवल संवाद बढ़ाएं
- थाना, सर्किल और पुलिस लाइन के बीच समन्वय मजबूत करें
- व्यापारियों, धर्माचार्यों और सामाजिक संगठनों से नियमित मुलाकातें करें
- रात्रि गश्त, सामुदायिक पुलिसिंग और जनता से विश्वास का रिश्ता मजबूत करें
उन्होंने कहा, “बेहतर पुलिसिंग वही है जो जनता की नाड़ी समझे और उनकी सुरक्षा की गारंटी साबित हो। यूपी पुलिस का लक्ष्य केवल अपराध नियंत्रण ही नहीं, बल्कि जनता के मन में सुरक्षा का भरोसा स्थापित करना भी होना चाहिए।”
सम्मेलन के दौरान कानून-व्यवस्था सुदृढ़ करने, आधुनिक तकनीक के उपयोग, अपराध नियंत्रण की रणनीतियों और पुलिस-जनसहभागिता को मजबूत करने पर भी विस्तृत चर्चा की गई।
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