
West Bengal SIR : पश्चिम मेदिनीपुर के चंद्रकोणा में बीते दिनों एक बुजुर्ग की मौत को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। चंद्रकोणा के महेशपुर गांव के निवासी 65 वर्षीय आलम शेख का, जो हृदय रोग से पीड़ित थे, कुछ घंटों के भीतर ही मौत हो गई, जब उन्हें एसआईआर (सुनवाई नोटिस) मिला था। परिवार ने इस मौत का कारण दिल का दौरा बताया है, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नोटिस से जुड़ा मानसिक तनाव उनके निधन का कारण बना है। वहीं, भाजपा ने तृणमूल पर बेवजह डर फैलाने का आरोप लगाया है।
आलम शेख का नाम 2002 की मतदाता सूची में नहीं था, जिसके कारण उन्हें यह नोटिस भेजा गया था। वह चंद्रकोणा-2 ब्लॉक के भगवंतपुर पंचायत के महेशपुर-1 बूथ के मतदाता थे। उन्होंने एन्यूमरेशन फॉर्म भरकर जमा किया था, लेकिन वर्ष 2002 से संबंधित पारिवारिक विवरण उपलब्ध न करा पाने के कारण, उन्हें नोटिस भेजा गया।
रात को घर लौटने के बाद, परिवार का कहना है कि आलम शेख को अचानक हृदय का दौरा पड़ा, जिसकी वजह से वह निधन हो गया। परिवार ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है, इसलिए शव का पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ।
तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि नोटिस मिलने से उत्पन्न मानसिक तनाव के कारण उनकी तबीयत और बिगड़ गई और यह ही मौत का कारण बना। इलाके के कुछ लोगों का भी मानना है कि नोटिस मिलने के बाद आलम शेख की हालत और खराब हो गई थी।
वहीं, चंद्रकोणा के विधायक अरूप धाड़ा ने कहा, “एसआईआर के दबाव में बुजुर्ग की तबीयत और खराब हो गई। नोटिस मिलने के कुछ ही घंटों के भीतर ही उनकी मौत हो गई।”
विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस पूरे मामले में तृणमूल पर दोष मढ़ते हुए कहा है कि यह भय फैलाने की एक साजिश है। बीडीओ उत्पल पाइक ने भी कहा, “2002 की मतदाता सूची में उनका नाम नहीं था, इसी वजह से उन्हें सुनवाई के लिए बुलाया गया था।”
पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लिया है और मामले की जांच कर रही है। फिलहाल, परिवार की ओर से पोस्टमार्टम नहीं कराए जाने के कारण शव का परीक्षण नहीं हुआ है।
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