
मंडी। सीटू से संबद्ध एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने शनिवार को मंडी शहर में जोरदार प्रदर्शन करते हुए शव यात्रा निकाली। चौहटा में पुतला दहन के दौरान माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया, जब एक एंबुलेंस कर्मी ने खुद पर डीजल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि, साथियों ने तुरंत उसे हटाकर बड़ी घटना होने से बचा लिया। इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के साथ-साथ विपक्ष पर भी तगड़ा निशाना साधते हुए जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की।
25 दिसंबर रात 8 बजे से शुरू हुई दो दिवसीय हड़ताल के तहत शनिवार रात 12 बजे तक मंडी जिले की 108 और 102 एंबुलेंस सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं। इस दौरान कर्मचारियों ने शहर में शव यात्रा निकालकर सरकार और प्रबंधन के प्रति विरोध दर्ज कराया और पुतला दहन के जरिए अपना गुस्सा जताया।
यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि 108 और 102 एंबुलेंस सेवाओं में कार्यरत कर्मचारियों को वर्षों से उनका हक नहीं मिल रहा। वर्ष 2022 से मेडस्वान फाउंडेशन कंपनी इनके संचालन की जिम्मेदारी संभाल रही है, जबकि इससे पहले 2010 में जीवीके कंपनी ने नियुक्तियां की थीं। कर्मचारियों का आरोप है कि तब भी उन्हें छंटनी भत्ता, ग्रेच्युटी और अन्य कानूनी लाभ नहीं दिए गए और आज भी वही स्थिति बनी हुई है।
कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता, 12-12 घंटे ड्यूटी करवाई जाती है, लेकिन ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाता। यूनियन के माध्यम से आवाज उठाने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।
सीटू के जिला महासचिव राजेश शर्मा ने चेतावनी दी कि यदि नियमों के अनुरूप वेतन, ओवरटाइम, छुट्टियां और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं करवाई गईं, तो यूनियन अनिश्चितकालीन हड़ताल का सहारा लेगी। प्रदर्शन के दौरान यूनियन के जिला प्रधान सुमित कपूर समेत कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।















