
बस्ती। दिसंबर का महीना जनपद के लिए मुसीबतों भरा रहा है। कोहरे और शीतलहर से जहाँ आम आदमी ठिठुरता हुआ नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर कोहरे के कारण कम दृश्यता दुर्घटनाओं का कारण बनती जा रही है। घने कोहरे की वजह से अब तक कई लोग असमय काल के गाल में समा चुके हैं।
घने कोहरे के कारण हाइवे पर चलने वाले भारी वाहनों का पहिया लगभग थम सा गया है, जिससे सभी को अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने में काफी विलम्ब का सामना करना पड़ रहा है। आवश्यक सामग्री से भरे ट्रकों की लंबी कतारें भी देखी जा रही हैं, जो दुर्घटनाओं का कारक भी बनते हैं।
वर्तमान में चीनी मिलें चालू हैं, इन मिलों तक जाने वाले गन्ने से भरे ओवरलोडिंग ट्रक और ट्रालों से भी आम जनमानस को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। रास्ते और सड़कों के किनारे ऐसे ट्रक और ट्रालें खड़ी मिल जाएंगी, जो दुर्घटनाओं को दावत देते हैं। यदि थोड़ी सी भी असावधानी हुई, तो दुर्घटना तय है, क्योंकि इन पर कोई सांकेतिक स्टीकर भी नहीं लगे होते, जिनसे यह पता चल सके कि कोई वाहन सामने खड़ा है। जिम्मेदार अधिकारी भी मौन साधे हुए हैं।
फूटहिया के पास हुई दो दुर्घटनाओं के बाद ओवरलोडिंग वाहनों पर थोड़ी सख्ती तो हुई, लेकिन कुछ ही दिन बाद फिर से ओवरलोड वाहन बिना किसी रोक-टोक सड़कों पर सरपट दौड़ रहे हैं। सवाल उठता है कि परिवहन विभाग के जिम्मेदार क्या इन्तजार करते हैं कि कोई बड़ी घटना हो, उसके बाद ही थोड़ी बहुत औपचारिकता निभा कर इतिश्री कर ली जाए। यदि समय से इन पर कार्यवाही हो जाती, तो काफ़ी हद तक कोहरे से होने वाली दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है।
हालांकि, जनपद के कई स्थानों पर कम दृश्यता के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने और यातायात को सुगम बनाने के लिए चमकने वाले स्टीकर और बोर्ड लगाए भी गए हैं, जो नाकाफी हैं। इन्हें भारी मात्रा में लगवाने की आवश्यकता है, ताकि होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
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