
- सीतापुर में बंजर और शमशान भूमि पर हटाया कब्ज़ा, तहसील कोर्ट का ऐतिहासिक फ़ैसला
सीतापुर। ज़िले के खैराबाद ब्लॉक की ग्राम सभा नानकारी में आज सुबह ज़बरदस्त एक्शन देखने को मिला। तहसीलदार न्यायिक कोर्ट के एक कड़े आदेश के बाद, बंजर और शमशान (कब्रिस्तान) की भूमि पर हुए दशकों पुराने अवैध कब्ज़े को प्रशासन ने जड़ से उखाड़ फेंका।
यह ज़मीन कोई छोटी-मोटी नहीं थी; क़रीब पाँच बीघा सरकारी भूमि पर 10 दबंग लोगों ने मिलकर 35 बड़ी कॉमर्शियल दुकानें तान दी थीं और धड़ल्ले से कारोबार कर रहे थे। इन अवैध निर्माणों की अनुमानित क़ीमत और ज़मीन की बाज़ार वैल्यू लगभग 5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। साफ़ है, सरकारी संपत्ति पर कब्ज़ा करके मोटी कमाई करने वालों के लिए यह एक तगड़ा झटका साबित हुआ है।
तहसीलदार अतुल सेन की धमक, एक झटके में ध्वस्त हुए 35 निर्माण
सदर तहसीलदार अतुल सेन की सीधी अगुवाई में यह बुलडोजर कार्रवाई अंजाम दी गई। सुबह होते ही जब पुलिस बल के साथ ‘पीला पंजा’ नानकारी गाँव पहुँचा, तो अवैध कब्ज़ाधारियों में हड़कंप मच गया। बिना किसी रियायत के, मशीन ने एक-एक करके सभी 35 दुकानों को ध्वस्त कर दिया।
तहसीलदार अतुल सेन ने स्पष्ट किया कि यह बेदखली का आदेश लंबे समय से लंबित था, जिसका आज कठोरता से पालन किया गया है। यह कार्रवाई उन सभी भू-माफ़ियाओं के लिए एक साफ़ संदेश है, जो सोचते हैं कि बंजर या शमशान की ज़मीन को हड़प कर वे बच निकलेंगे। इस एक्शन ने न सिर्फ़ सरकारी ज़मीन को मुक्त कराया है, बल्कि ज़िले में क़ानून के राज को भी मज़बूती दी है।
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