वार्षिकी 2025 : खेल इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रदर्शन में देश में अग्रणी बनकर उभरा मध्यप्रदेश

भोपाल। मध्यप्रदेश वर्ष 2025 खेलों के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक वर्ष बनकर सामने आया। इस साल राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर खेल प्रदर्शन किया, साथ ही खेल परिसरों, प्रशिक्षण व्यवस्था और आधारभूत ढांचे के मामले में भी देश में अग्रणी स्थान हासिल किया। खेलों को विकास की मुख्यधारा में लाने की राज्य सरकार की नीति और उसके प्रभावी क्रियान्वयन का परिणाम ये दिखा है कि राज्‍य को भारत के सबसे तेजी से उभरते खेल राज्यों में गिना जा रहा है।

खेल इंफ्रास्ट्रक्चर में रिकॉर्ड विस्तार

दरअसल इस साल 2025 में मध्य प्रदेश ने खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में कई ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए, जो उसे देश में अलग पहचान दिलाते हैं। प्रदेश में वर्तमान में 22 से अधिक हॉकी के एस्ट्रोटर्फ मैदान उपलब्ध हैं जो देश के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सर्वाधिक हैं। इससे हॉकी के क्षेत्र में राज्‍य एक मजबूत केंद्र के रूप में उभरा है।

इसी तरह प्रदेश में 15 से अधिक आधुनिक एथलेटिक ट्रैक विकसित किए जा चुके हैं। इन ट्रैकों से एथलेटिक्स खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अभ्यास की सुविधा मिल रही है। खेल विशेषज्ञ जुगल किशोर का मानना है कि यह आधारभूत ढांचा भविष्य में ओलंपिक और एशियन गेम्स स्तर के खिलाड़ियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

18 एक्सीलेंस एकेडमी बनीं प्रतिभा की नर्सरी

मध्य प्रदेश में संचालित 18 एक्सीलेंस एकेडमी 2025 की सबसे बड़ी उपलब्धियों में गिनी जा रही हैं। इन एकेडमियों में खिलाड़ियों को निःशुल्क आवास, भोजन, शिक्षा, खेल उपकरण, मेडिकल सपोर्ट और अनुभवी कोचों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन एकेडमियों से तैयार खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में लगातार पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। खेल विभाग के अनुसार, 2025 में इन एकेडमियों से जुड़े सैकड़ों खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया और उल्लेखनीय सफलता हासिल की।

वन डिस्ट्रिक्ट वन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से बदली तस्वीर

राज्य सरकार की “वन डिस्ट्रिक्ट–वन स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स” योजना ने 2025 में खेल विकास को नई दिशा दी। इस योजना के तहत प्रत्येक जिले में बहुउद्देशीय खेल परिसर विकसित किए जा रहे हैं, जहाँ एक ही परिसर में कई खेलों की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इस पहल से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के खिलाड़ियों को अपने ही जिले में आधुनिक सुविधाएँ मिलने लगी हैं। इससे प्रतिभाओं का पलायन रुका है और स्थानीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक माहौल तैयार हुआ है।

मुख्यमंत्री का फोकस युवा शक्ति पर

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 2025 के दौरान कई मंचों से स्पष्ट किया कि राज्य सरकार खेलों को केवल प्रतियोगिता के रूप में नहीं, बल्कि युवा सशक्तिकरण और राष्ट्र निर्माण के साधन के रूप में देखती है। मुख्यमंत्री का कहना है, “खेलों में निवेश भविष्य की पीढ़ी में निवेश है और मध्य प्रदेश का लक्ष्य है कि हर जिले और हर गांव से खिलाड़ी निकलें। इसलिए आज खेल बजट, खेल परिसरों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों में लगातार विस्तार किया गया जा रहा है।”

खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग की सक्रिय भूमिका

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने 2025 में खेल गतिविधियों की सतत निगरानी करते हुए कई नई पहलें कीं। ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविरों, जिला व संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं और प्रतिभा खोज कार्यक्रमों को विशेष प्राथमिकता दी गई। खेल मंत्री ने बताया, “खिलाड़ियों को केवल मैदान ही नहीं, बल्कि सम्मान, सुरक्षा और भविष्य की संभावनाएँ भी देना सरकार की जिम्मेदारी है। इसी सोच के तहत खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति, पुरस्कार राशि और शासकीय सेवाओं में अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।”

पदक तालिका में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता मप्र

2025 में मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों ने नेशनल गेम्स और अन्य राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया। राज्य ने 80 से अधिक पदक जीतकर यह सिद्ध किया कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षण का सीधा असर प्रदर्शन पर पड़ता है। हॉकी, एथलेटिक्स, शूटिंग, कुश्ती, तैराकी और मार्शल आर्ट्स जैसे खेलों में मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों ने निरंतर पदक जीतकर प्रदेश को गौरवान्वित किया।

2025 की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि यह रही कि खेलों को शिक्षा के साथ प्रभावी रूप से जोड़ा गया। खिलाड़ियों को पढ़ाई में सहयोग, खेल कोटे से प्रवेश, छात्रवृत्ति और करियर मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया। इससे अभिभावकों में भी खेलों के प्रति विश्वास बढ़ा।

ग्रामीण और जनजाति क्षेत्रों में नई ऊर्जा

खेल विकास की यह यात्रा राज्‍य के शहरों तक ही आज सीमित नहीं दिखाई दे रही है। 2025 में ग्रामीण और आदिवासी अंचलों में मिनी स्टेडियम, प्रशिक्षण केंद्र और स्थानीय प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इससे दूरस्थ क्षेत्रों से भी प्रतिभाएँ सामने आईं और खेलों में व्यापक भागीदारी बढ़ी। इससे खेल गतिविधियों के विस्तार का सामाजिक प्रभाव भी 2025 में स्पष्ट रूप से देखने को मिला। युवाओं में फिटनेस, अनुशासन और सकारात्मक सोच बढ़ी, वहीं नशे जैसी सामाजिक बुराइयों से दूरी बनाने का संदेश भी खेलों के माध्यम से पहुँचा।

कुल मिलाकर, वर्ष 2025 मप्र के लिए खेल उपलब्धियों का साल साबित हुआ है। रिकॉर्ड खेल इंफ्रास्ट्रक्चर, मजबूत नीतियाँ, सक्रिय नेतृत्व और खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन ने प्रदेश को देश के अग्रणी खेल राज्यों की कतार में खड़ा कर दिया है। खेल विशेषज्ञों का मानना यही है कि यदि यही गति बनी रही तो आने वाले वर्षों में मध्य प्रदेश अंतरराष्ट्रीय खेल मंच पर भी अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा।

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