
Lucknow Ghamla chori : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लखनऊ दौरे के दौरान शहर को खासतौर पर सजाने की तैयारियों में राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर बड़ा प्रयास किया गया था। राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल, वसंत कुंज रोड और ग्रीन कॉरिडोर सहित कई इलाकों में हरियाली और फूल-पौधों से सजे सुंदर गमले लगाए गए थे। इन योजनाओं का उद्देश्य था कि लखनऊ की छवि सकारात्मक, विकसित और आकर्षक बने, जिससे देश-दुनिया के सामने शहर की अच्छी तस्वीर पेश हो सके।
हालांकि, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से पहले इन क्षेत्रों को सजाने के लिए भारी मात्रा में सरकारी धन और समय खर्च किया गया था। इन पर रंग-बिरंगे फूल और पौधे लगाए गए थे, ताकि शहर की सुंदरता में इजाफा हो और लोग इसे देखकर गर्व महसूस करें।
लेकिन कार्यक्रम के समाप्त होने और प्रधानमंत्री के रवाना होने के बाद ही शहर की तस्वीर बदलने लगी। सुरक्षा व्यवस्था में थोड़ी नरमी आते ही कुछ लोगों ने सार्वजनिक संपत्ति को अपना समझकर उसमें हाथ साफ करना शुरू कर दिया। शाम होते-होते, कई लोग बिना हिचकिचाहट के गमले उठाकर ले जाने लगे। इनमें से कुछ ने गमलों को बाइक पर तो कुछ ने कार में भरकर ले गए। यह सब कुछ खुलेआम हुआ, मानो यह कोई मामूली बात हो।
यह घटना वहां मौजूद लोगों के मोबाइल कैमरे में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लोग बिना किसी डर या शर्म के सार्वजनिक संपत्ति को अपने साथ ले जाते हुए नजर आ रहे हैं। इस हरकत पर सोशल मीडिया यूजर्स ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कई लोगों ने इसे लखनऊ की तहज़ीब और संस्कृति के खिलाफ बताया, वहीं कुछ ने इसे सार्वजनिक संपत्ति के प्रति लापरवाही का उदाहरण माना।
इस घटना से शहरवासियों में नाराजगी भी व्याप्त है। लोग कह रहे हैं कि शहर को सुंदर बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों की संकीर्ण सोच और लापरवाही के चलते सब बेकार हो जाता है। साथ ही, सवाल उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी चोरी की घटना के बावजूद मौके पर निगरानी क्यों नहीं थी।
अब मांग उठ रही है कि दोषियों की तुरंत पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और शहर की सुंदरता को बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी का एहसास हो।
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