
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने शहर में प्रदूषण को प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिए नई गाइडलाइन के साथ ही दीर्घकालीन उपाय भी कर रही है, ताकि शहर में प्रदूषण के संकट को हमेशा के लिए कम किया जा सके, क्योंकि सड़कों से वायु प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए डीटीसी के सरप्लस ड्राइवर कार्य कर रहे हैं। साथ ही वे पेट्रोल पंपों पर (पीयूसीसी) जांच भी की जा रही हैं।
दिल्ली की मुख्यमंत्री के अनुसार प्रदूषण के प्रमुख कारकों में वाहनों से निकलने वाला धुआं एक प्रमुख कारण है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषित की स्थिति को देखते हुए वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की ही जा रही है। साथ ही सड़कों से यातायात जाम को रोकने के लिए भी सरकार द्वारा उपाय किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने अस्थायी तौर पर यातायात पुलिस को डीटीसी के सरप्लस 600 ड्राइवर उपलब्ध कराए हैं, जो यातायात पुलिस के साथ मिलकर सड़कों पर यातायात संचालन कर रहे हैं। साथ ही जाम की स्थिति को सामान्य बनाने में सहयोग कर रहे हैं। इसके अलावा शहर में करीबन 500 पेट्रोल पंपों पर भी 3 पारियों में 24 घंटे दो-दो ड्राइवर (कुल 3,000) पीयूसीसी जांच कर रहे हैं, ताकि प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के ईंधन लेने से रोक जा सकें, मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि स्टाफ की सजगता से पीयूसी की जांच में लापरवाही बरतने वाले 27 केंद्रों का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया गया है। भाजपा सरकार का लक्ष्य है कि राजधानी दिल्ली को बढ़ते प्रदूषण से निजात दिलाई जा सके, क्योंकि बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। दिल्ली की जनता को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार द्वारा तमाम प्रयास किए जा रहे हैं।
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