
Kiratpur, Bijnor : नजीबाबाद तहसील में तैनात एक अमीन पर बैंक से ऋण सेटलमेंट कराने के नाम पर किसान से डेढ़ लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का गंभीर आरोप लगा है। पीड़ित किसान ने मामले की शिकायत पुलिस से करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
ग्राम बाहूपुरा निवासी किसान ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि उन्होंने करीब तीन वर्ष पूर्व नजीबाबाद स्थित आईसीआईसीआई बैंक से कृषि ऋण लिया था। बीमारी के चलते समय पर ऋण अदा न कर पाने के कारण बैंक द्वारा रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी कर मामला नजीबाबाद तहसील को भेज दिया गया। आरोप है कि इसके बाद नजीबाबाद तहसील में तैनात अमीन ने किसान से संपर्क कर स्वयं को भरोसेमंद बताते हुए डेढ़ लाख रुपये में बैंक से ऋण सेटलमेंट कराने और वसूली प्रक्रिया समाप्त कराने का आश्वासन दिया। अमीन की बातों में आकर किसान ने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से रुपये जुटाकर तहसील परिसर में ही अमीन को डेढ़ लाख रुपये सौंप दिए।
किसान का कहना है कि अमीन ने जल्द ही यह रकम बैंक में जमा कराने का भरोसा दिया और जमानत के तौर पर सर्व यूपी ग्रामीण बैंक का अपने नाम का चेक संख्या 407406 भी किसान को सौंपा।
करीब छह महीने बाद जब बैंक की ओर से दोबारा ऋण वसूली का दबाव बनाया गया, तब किसान को ठगी का अहसास हुआ। जांच करने पर पता चला कि अमीन द्वारा ली गई रकम बैंक में कभी जमा ही नहीं की गई। इसके बाद किसान ने कई बार अमीन से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन वह टालमटोल करते रहे और पैसे जमा करने से साफ इनकार कर दिया।
थक-हारकर किसान ने पुलिस की शरण ली और पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी पुष्पा देवी ने बताया कि प्रार्थना पत्र प्राप्त हो गया है। चूंकि मामला राजस्व विभाग से जुड़ा है, इसलिए इसकी सूचना संबंधित विभाग को भी भेजी जाएगी और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, जब इस संबंध में अमीन से पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया। हालांकि, अपने नाम से दिए गए चेक के संबंध में पूछे जाने पर वह संतोषजनक जवाब देने से बचते नजर आए।
मामले ने तहसील और राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद सच्चाई सामने आने पर दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।












