ड्रैगन ने भारत को दी नई टेंशन! चीन ने J-16 फाइटर जेट को राफेल से भिड़वाया, जानिए कौन है ज्यादा ताकतवर…

J-16 Fighter Jet : चीन ने पहली बार पायलट वॉर गेमिंग का ऐसा अभ्यास किया है, जिसमें उसकी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने अपने 8 अत्याधुनिक J-16 मल्टीरोल फाइटर जेट्स को फ्रांस के 6 राफेल जेट्स के खिलाफ मैदान में उतारा। यह अभ्यास 22 दिसंबर 2025 को हेनान प्रांत के शुचांग में हुआ और इसकी फुटेज चीन के सरकारी टीवी चैनल CCTV ने सार्वजनिक की है।

यह आमतौर पर नहीं होता क्योंकि चीन अपने मिलिट्री सिमुलेशंस को सार्वजनिक रूप से दिखाने से बचता है, लेकिन इस बार यह कदम चीन की मिलिट्री ट्रेनिंग और ताकत दिखाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

J-16 के सामने राफेल का थ्रेट

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल PLA और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स में बड़े पैमाने पर वॉर गेमिंग का आयोजन हो रहा है, और यह पहली बार है जब इतनी व्यापक स्तर पर पायलट वॉर गेमिंग हुई है। इस अभ्यास में 20 से अधिक यूनिट्स ने भाग लिया। इसमें एक तरफ ‘टास्क फोर्स’ के रूप में 8 J-16 जेट्स और दूसरी तरफ ‘थ्रेट’ के रूप में 6 राफेल्स को दिखाया गया। नतीजे सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन यह अभ्यास चीन की नई सैन्य रणनीति और भारत-चीन सीमा तनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

मई 2025 में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद से यह अभ्यास हुआ है, जिसमें पाकिस्तान के चीनी J-10C जेट्स ने राफेल के साथ मुकाबला किया था। पाकिस्तान का दावा था कि J-10C ने कई राफेल को मार गिराया, जबकि भारत ने इसे खारिज कर दिया। भारत के पास वर्तमान में 36 राफेल जेट्स हैं, नेवी के लिए 26 राफेल-मरीन का ऑर्डर है, और सितंबर 2025 में 114 और राफेल की खरीद का प्रस्ताव भी है। चीन का यह अभ्यास भारत के वेस्टर्न फाइटर को काउंटर करने का संकेत माना जा रहा है।

J-16 फाइटर जेट की खासियत

J-16 चीन का स्वदेशी 4.5 जनरेशन का भारी ट्विन-इंजन मल्टीरोल स्ट्राइक फाइटर है, जो रूसी Su-30 का उन्नत वर्जन है। इसकी विशेषताएं हैं…

  • लंबी दूरी की उड़ान और बड़ा हथियार लोड
  • स्वदेशी एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे (AESA) रडार, जो 150-200 किमी दूर टारगेट का पता लगा सकता है और 15-20 टारगेट को ट्रैक कर सकता है
  • IRST सिस्टम से बिना रडार ऑन किए 50-80 किमी दूर दुश्मन का पता लगाने की क्षमता
  • करीब 8 टन का पेलोड, जो सैचुरेशन अटैक और लंबी पेट्रोलिंग के लिए उपयुक्त
  • एयर-टू-एयर मिसाइल्स (PL-12, PL-15), एयर-टू-ग्राउंड और एंटी-शिप मिसाइलें
  • हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले (HMD), रडार अब्सॉर्बेंट मटेरियल (RAM), इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर्स (ECM), मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम (MAWS) आदि से लैस

राफेल से तुलना

राफेल की रेंज और पेलोड अधिक हैं, जो लंबे मिशन के लिए फायदेमंद हैं। इसकी कैनार्ड-डेल्टा डिज़ाइन बेहतर मैन्यूवरेबिलिटी और सिचुएशनल अवेयरनेस प्रदान करता है। राफेल का इतिहास अफगानिस्तान, लीबिया, माली, इराक, सीरिया जैसे युद्ध क्षेत्रों में प्रभावी उपयोग का रहा है। जबकि J-16 का इस्तेमाल मुख्य रूप से दक्षिण चीन सागर में इंटरसेप्टर के रूप में हुआ है।

J-16 की कीमत

J-16 का एक्सपोर्ट वर्जन नहीं बनता, इसलिए इसकी सटीक कीमत सार्वजनिक नहीं है। हालांकि, समान श्रेणी के चीनी फाइटर जेट्स की लागत अनुमानित रूप से $40-60 मिलियन (लगभग 350-530 करोड़ रुपये) के बीच है। यह चीनी घरेलू उत्पादन की वजह से पश्चिमी जेट्स से सस्ते होते हैं।

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